मोदी का यूक्रेन को 'संजीवनी', BHISHM क्यूब्स का रहस्य क्या है?

पीएम मोदी ने यूक्रेन को BHISHM क्यूब्स गिफ्ट किए हैं जो मेडिकल सहायता प्रदान करेंगे। ये क्यूब्स विभिन्न आपात स्थितियों को संभालने में सक्षम हैं और इनमें सर्जरी, बिजली उत्पादन और ऑक्सीजन उत्पादन जैसी क्षमताएं हैं।

India gifted Ukraine BHISHM cubes: युद्धग्रस्त यूक्रेन में पीएम नरेंद्र मोदी दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री ने वॉर जोन में तब्दील हो चुके देश से दोस्ती निभाते हुए मेडिकल किट्स गिफ्ट किए हैं। सहयोग एवं मैत्री के लिए भारत स्वास्थ्य पहल (BHISHM) के चार क्यूब्स को भेजेगा।

BHISM क्यूब में प्रारंभिक ट्राइएज और क्लासिफिकेशन मैनेजमेंट के अलावा इमरजेंसी स्थितियों जैसे ट्रॉम, रक्तस्राव, जलन, फ्रैक्चर, शॉक में विविध प्रकृति के लगभग 200 मामलों को संभालने की क्षमता है। इसमें बुनियादी सर्जरी का समर्थन करने की क्षमता भी है और यह सीमित मात्रा/अवधि में अपनी खुद की बिजली और ऑक्सीजन भी उत्पन्न कर सकता है।

Latest Videos

मजबूत होने के साथ मल्टी मोड ट्रांसपोर्टेशन

भारत सरकार ने आरोग्य मैत्री प्रोजेक्ट के अंतर्गत BHISHM इनिशिएटिव बनाई है। यह इमरजेंसी मेडिकल असिस्टेंस के लिए सभी प्रकार की बुनायादी सुविधाओं और उपकरणों को उपयोग में आसान और तेजी से पहुंचाने और उसके वितरण में सहायता करने का साधन है।

BHISM क्यूब में 15 इंच के कई क्यूबिकल बॉक्स होते हैं। एक क्यूबिकल बॉक्स में आवश्यक मेडिसिन्स और उपकरण होते हैं, जो बेहद व्यवस्थित तरीके से पैक किए गए होते हैं। इसे युद्ध या प्राकृतिक आपदा के दौरान लगने वाली चोटों और मेडिकल समस्याओं के लिए ही तैयार किया जाता है।

इन मिनी क्यूब्स को ऐसे पैक किया जाता है जो मजबूत होने के साथ मल्टी मोड ट्रांसपोर्टेशन के लिए तैयार हो। यानी वायु, समुद्र, भूमि और ड्रोन द्वारा भी इसे कहीं से कहीं पहुंचाया जा सके और दवाओं या उपकरणों को क्षति न पहुंचे। एक मिनी क्यूब का वजन अधिकतम 20 किलोग्राम होता है जिसे सामान्य तौर पर एक व्यक्ति कहीं भी ले जा सकता है।

36 मिनी क्यूब्स का एक मदर क्यूब

BHISM इनिशिएटिव के तहत तैयार मिनी क्यूब्स के 36 पैक को मिलाकर एक मदर क्यूब बनाया जाता है। दो मदर क्यूब्स को मिलाकर एक BHISHM क्यूब बनाते हैं।

मदर क्यूब में मिनी क्यूब के अलावा भोजन-पानी की भी व्यवस्था

एक मदर क्यूब में सभी प्रकार के चोट या घाव के अलावा इमरजेंसी मेडिकल कंडिशन्स में प्राइमरी देखभाल के लिए सारी दवाइयां या उपकरण मौजूद रहते हैं। इसके अलावा पांच लोगों की टीम के लिए इसमें 48 घंटे के लिए आश्रय व भोजन की भी व्यवस्था होती है। जबकि दूसरे मदर क्यूब में सर्जिकल उपकरण होते हैं। साथ में एक बेसिक ऑपरेटिंग रूम स्थापित किया जाने वाला सारा सामान होता है। इससे प्रतिदिन 10-15 बेसिस सर्जरी का प्रबंधन किया जा सकता है।

180 भाषाओं का सपोर्ट

मेडिकल एक्सपर्ट्स की मानें तो स्पष्ट और सुविधाजनक क्लासिफिकेशन के कारण दवाइयां और उपकरण उपयोग में आसान हैं। इन्वेंट्री प्रबंधन RFID का उपयोग करता है और ऑटोमेटिक रूप से अपडेट भी होता है। इस वजह से सटीक स्टॉक का आसानी से पता लगाया जा सकता है। BHISHM ऐप और एक डिजिटल टैबलेट के माध्यम से डायरेक्शनल वीडियो से किट और दवाइयों के उपयोग को भी समझा जा सकता है। सबसे जरूरी यह कि इस टैबलेट में लगभग 180 भाषाओं में जानकारी ली जा सकती है।

क्यूब अपनी बिजली और ऑक्सीजन को भी उत्पन्न करने में सक्षम

BHISM क्यूब, इमरजेंसी में ट्रामा, ब्लीडिंग, जलन, फ्रैक्चर, शॉक में विविध प्रकृति के लगभग 200 मामलों को संभालने की क्षमता है। इसमें बेसिस सर्जरी को सपोर्ट करने की क्षमता के अलावा यह लिमिटेड मात्रा/अवधि में अपनी खुद की बिजली और ऑक्सीजन भी उत्पन्न कर सकता है।

यह भी पढ़ें:

Video: यूक्रेन युद्ध में मारे गए मासूमों को श्रद्धांजलि देते भावुक हुए पीएम मोदी

Share this article
click me!

Latest Videos

पहले गई सीरिया की सत्ता, अब पत्नी छोड़ रही Bashar Al Assad का साथ, जानें क्यों है नाराज । Syria News
समंदर किनारे खड़ी थी एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा, पति जहीर का कारनामा हो गया वायरल #Shorts
राजस्थान में बोरवेल में गिरी 3 साल की मासूम, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी । Kotputli Borewell News । Chetna
LIVE 🔴: बाबा साहेब का अपमान नहीं होगा सहन , गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ बर्खास्तगी की उठी मांग'
Devendra Fadnavis के लिए आया नया सिरदर्द! अब यहां भिड़ गए Eknath Shinde और Ajit Pawar