तीन दिनी सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने आईआईजीएफ को अपना शुभकामना संदेश देते हुए इंटरनेट शासन प्रणाली पर कार्ययोजना के बारे में विचार साझा किए।
नई दिल्ली। इंडिया गवर्नेंस फोरम (India Internet Governance Forum) ने तीन दिवसीय ऑनलाइन समिट का आयोजन किया गया। समिट में इंटरनेट के पॉवर से भारत के सशक्तिकरण पर बात की गई। तीन दिनी सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने आईआईजीएफ को अपना शुभकामना संदेश देते हुए इंटरनेट शासन प्रणाली पर कार्ययोजना के बारे में विचार साझा किए।
दुनिया का सबसे बड़ा ग्रामीण ब्रॉडबैंड सेवा भारत में जल्द
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया कार्ययोजना के बारे में विस्तार से बात करते हुए केंद्रीय इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrashekhar) ने कहा कि सबसे बड़े ग्रामीण ब्रॉडबैंड कार्यक्रम के शुरू होने के साथ भारत दुनिया का सबसे अधिक कनेक्टेड देशों में शुमार हो जाएगा। ग्रामीण ब्रॉडबैंड से 80 करोड़ ऑनलाइन होंगे। पीएम नरेंद्र मोदी ने डिजिटल इंडिया के माध्यम से भारतीयों के जीवन को बदलते हुए डिजिटल उद्यमिता के साथ साथ आर्थिक अवसरों को भी प्रदान किया है।
श्री चंद्रशेखर ने कहा कि जल्द ही भारत में एक बिलियन लोग इंटरनेट का उपयोग कर रहे होंगे। डिजिटल इंडिया मिशन के अंतर्गत इंटरनेट को सभी के लिए खुला, सुरक्षित एवं विश्वसनीय और जवाबदेह बनाने की आवश्यकता है।
पहले तीन दिवसीय इस समिट को संबोधित करते हुए श्री चंद्रशेखर ने कहा कि 2015 में, पीएम मोदी ने इंटरनेट सहित कुछ प्रौद्योगिकियों में रणनीतिक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए डिजिटल इंडिया मिशन का शुभारंभ किया। इसका उद्देश्य यह था कि भारतीय समाज भी दुनिया के साथ कदमताल कर सके।
महामारी ने हमें सिखाया इंटरनेट कितना महत्वपूर्ण
आईसीएएनएन बोर्ड के अध्यक्ष मार्टन बॉटरमैन ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करने की ज़रूरत है कि इंटरनेट नागरिकों के लिए काम करता है और किसी भी अन्य सार्वजनिक स्थान की तरह सुरक्षित है। महामारी ने हमें सिखाया है कि इंटरनेट कितना महत्वपूर्ण है और यह अविश्वसनीय रूप से लोगों की सेवा करने में सक्षम है। हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि इंटरनेट शासन व्यवस्था के तकनीकी पहलुओं का सम्मान किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि इंटरनेट कैसे संचालित होता है। हमें इस एकल अंतर-संचालित दुनिया की सुरक्षा और लचीलेपन को बनाए रखना चाहिए और अरबों लोगों के लिए इंटरनेट उपलब्ध कराना चाहिए। भारत को इसमें अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए।
भारत वैश्विक इंटरनेट इकोसिस्टम का हिस्सा
एमईआईटीवाई के सचिव अजय प्रकाश साहनी ने कहा कि भारत अब वैश्विक इंटरनेट इकोसिस्टम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। हमारे पास पहले से ही 800 मिलियन भारतीय ऑनलाइन हैं और 400 मिलियन लोगों को और जोड़ने की चुनौती है। हमें वहां एक सार्थक ब्रॉडबैंड नेटवर्क प्रदान करने की जरूरत है जो अपार अवसर प्रदान करता है और वैश्विक बाजार तथा समाज में भी योगदान देता है। यह भी महत्वपूर्ण है कि संपूर्ण इंटरनेट शासन प्रणाली इंटरनेट को सभी के लिए खुला, सुरक्षित और विश्वसनीय तथा जवाबदेह बनाने के लक्ष्य पर केंद्रित हो।
इस कार्यक्रम को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) और भारतीय राष्ट्रीय इंटरनेट एक्सचेंज (एनआईएक्सआई) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था। इस दौरान अनिल जैन (सीईओ, एनआईएक्सआई), बीके सिंघल, एनरिएट एस्टरह्युसेन (अध्यक्ष, एमएजी आईजीएफ) और नविका कुमार (ग्रुप एडिटर, टाइम्स नेटवर्क और एडिटर-इन-चीफ, टाइम्स नेटवर्क नवभारत) आदि मौजूद रहे।
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