किसी भी वक्त लागू हो सकता है CAA! लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मोदी सरकार का बड़ा फैसला, आचार संहिता लगने से पहले हो जाएगा लागू

CAA के तहत नागरिकता के लिए अपनी पात्रता साबित करने के लिए आवेदकों के लिए आवश्यक साक्ष्य की रूपरेखा तैयार की जाएगी।

सीएए कानून। गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा अगले कुछ हफ्तों के भीतर CAA के कार्यान्वयन के लिए नियमों को अधिसूचित करने की उम्मीद है। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार आदर्श आचार संहिता (MCC) लागू होने से पहले ये नियम लागू किए जाएंगे। आदर्श आचार संहिता (MCC) आम तौर पर तब लागू होता है जब चुनाव की तारीखों की घोषणा की जाती है।

CAA के तहत नागरिकता के लिए अपनी पात्रता साबित करने के लिए आवेदकों के लिए आवश्यक साक्ष्य की रूपरेखा तैयार की जाएगी। बता दें कि CAA 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान जैसे पड़ोसी मुस्लिम-बहुल देशों से आए हिंदुओं, सिखों, ईसाइयों, बौद्धों, जैनियों और पारसियों के लिए भारतीय नागरिकता का मार्ग प्रदान करने के लिए नागरिकता अधिनियम 1955 में संशोधन करता है।

Latest Videos

CAA के नियम जारी हो जाएंगे तो मोदी सरकार बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 तक आए प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों - हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों - को भारतीय नागरिकता देना शुरू कर देगी। बता दें कि CAA के अधिनियम को लेकर साल 2020 में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे। आलोचकों ने तर्क दिया था कि यह मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव करने की साजिश है। 

इसकी मदद से भारतीय संविधान में निहित धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। दूसरी ओर सरकार ने पड़ोसी देशों से सताए गए धार्मिक अल्पसंख्यकों की रक्षा करने के उद्देश्य से एक मानवीय उपाय के रूप में कानून का बचाव किया।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया था ऐलान

रिपोर्ट के अनुसार धार्मिक उत्पीड़न के साक्ष्य की तलाश नहीं की जाएगी, क्योंकि ये माना जाएगा कि जिन लोगों ने पलायन किया है, उन्होंने उत्पीड़न के डर से ऐसा किया। CAA 11 दिसंबर 2019 को लागू पारित किया गया था और ठीक उसी वर्ष 12 दिसंबर को अधिसूचित किया गया था। हालांकि, नियमों को अधिसूचित नहीं किए जाने के कारण विवादास्पद कानून लागू नहीं किया गया है। वहीं इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि CAA नियमों को लोकसभा चुनाव से पहले अधिसूचित और लागू किया जाएगा।

पिछले दो वर्षों में भारतीय नागरिकता पाने वाले आंकड़े

पिछले दो वर्षों में नौ राज्यों के 30 से अधिक जिला मजिस्ट्रेटों और गृह सचिवों को नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आने वाले हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता देने की शक्तियां दी गई थीं। केंद्रीय गृह मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 1 अप्रैल, 2021 से 31 दिसंबर, 2021 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के कुल 1,414 गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों को नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत पंजीकरण या देशीयकरण द्वारा भारतीय नागरिकता दी गई थी।

ये भी पढ़ें: माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स का उड़ीसा दौरा, CM नवीन पटनायक से करेंगे मुलाकात, किसानों से जुड़े प्रोग्राम में लेंगे भाग

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

अब नहीं चलेगा मनमाना बुलडोजर, SC के ये 9 रूल फॉलो करना जरूरी । Supreme Court on Bulldozer Justice
'देश किसी पार्टी की बपौती नहीं...' CM Yogi ने बताया भारत को गाली देने वालों को क्या सिखाएंगे सबक
LIVE: महाराष्ट्र के गोंदिया में राहुल गांधी का जनता को संबोधन
'गद्दार' सुन रुके CM एकनाथ शिंदे, गुस्से में पहुंचे Congress दफ्तर | Chandivali
टीम डोनाल्ड ट्रंप में एलन मस्क और भारतवंशी रामास्वामी को मौका, जानें कौन सा विभाग करेंगे लीड