कोरोना: भारत ने 17 देशों को वैक्सीन की 56 लाख खुराक भेजी, जानिए पाकिस्तान में क्या हालत है?

भारत कोरोना वैक्सीन को 17 देशों में पहुंचा चुका है, जिसमें पड़ोसी देशों के साथ-साथ पश्चिम एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका भी शामिल हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि भारत ने कोविड -19 टीकों की 56 लाख खुराक की सप्लाई दूसरे देशों को की है।
 

Asianet News Hindi | Published : Feb 5, 2021 2:09 AM IST

नई दिल्ली. भारत कोरोना वैक्सीन को 17 देशों में पहुंचा चुका है, जिसमें पड़ोसी देशों के साथ-साथ पश्चिम एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका भी शामिल हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि भारत ने कोविड -19 टीकों की 56 लाख खुराक की सप्लाई दूसरे देशों को की है।

कैरेबियन समुदाय को 5 लाख खुराक
विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने अपने कहा, हमने अब तक भूटान, मालदीव, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार, मॉरीशस, श्रीलंका, यूएई, ब्राजील, मोरक्को को वैक्सीन की आपूर्ति की है। , बहरीन, ओमान, मिस्र, अल्जीरिया, कुवैत और दक्षिण अफ्रीका को भी वैक्सीन दी गई है। अगले कुछ दिनों में CARICOM देशों (कैरेबियन समुदाय) को कोरोना वैक्सीन की 5 लाख खुराक देने की योजना बनाई गई है। 

भारत अफ्रीका को 1 करोड़ (10 मिलियन) खुराक और संयुक्त राष्ट्र के स्वास्थ्य कर्मचारियों को 10 लाख (1 मिलियन) की आपूर्ति करेगा। MEA के प्रवक्ता ने कहा, उपलब्धता और घरेलू आवश्यकताओं के आधार पर टीकों की बाहरी आपूर्ति की जा रही है। आने वाले हफ्तों में भारतीय टीके प्रशांत द्वीप राज्यों, निकारागुआ, अफगानिस्तान, मंगोलिया आदि तक पहुंचाने का भी लक्ष्य है। 

पाकिस्तान में कोरोना वैक्सीन
पाकिस्तान हाई कमीशन ने अपने देश के विदेश मंत्रालय से पूछा है कि भारत में बनी कोरोना वैक्सीन लें या ना लें। दरअसल पाकिस्तान को कोरोना के पांच लाख टीके दान में मिल गए हैं। अब इन्हीं टीकों के जरिए पाकिस्तान में टीकाकरण अभियान शुरू होगा। हालांकि भारत ने पहले ही पाकिस्तान को वैक्सीन का ऑफर दिया था, लेकिन उसका कोई जवाब नहीं आया। 

पड़ोसी देशों को कितनी वैक्सीन दी गई?
20 जनवरी 2021 से कोविड -19 टीकों की 56 लाख से अधिक खुराक पड़ोसी देशों को भेजी गई हैं। इनमें भूटान (1.5 लाख), मालदीव (1 लाख), नेपाल (10 लाख), बांग्लादेश (20 लाख), म्यांमार (15 लाख), मॉरीशस (1 लाख), श्रीलंका (5 लाख), बहरीन (1 लाख) और ओमान (1 लाख) शामिल हैं। ये आपूर्ति संबंधित देशों के मांगने पर दी गईं।

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