कोरोना के चलते घर आये छात्रों को चीन ने लौटने नहीं दिया, भारत ने निलंबित किया चीनी नागरिकों का पर्यटक वीजा

चीन कोरोना महामारी फैलने के चलते घर आये छात्रों को चीन लौटने नहीं दे रहा है। इसके चलते भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए चीनी नागरिकों को जारी पर्यटन वीजा (Tourist visa) निलंबित कर दिया है। 

Asianet News Hindi | Published : Apr 24, 2022 11:25 AM IST

नई दिल्ली। भारत ने चीनी नागरिकों को जारी किए गए पर्यटक वीजा (Tourist visa) को निलंबित कर दिया है। वैश्विक एयरलाइंस निकाय इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) ने 20 अप्रैल को अपने सदस्य कैरियर्स को यह जानकारी दी। भारत चीन के साथ चीनी विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले लगभग 22,000 भारतीय छात्रों की दुर्दशा को उठाता रहा है। कोरोना संक्रमण फैलने पर ये छात्र चीन से लौट आए थे। अब चीन इन्हें वापस नहीं आने दे रहा है। इसके चलते छात्रों की पढ़ाई बाधित हो रही है। इन छात्रों को चीन में अपनी पढ़ाई छोड़कर 2020 की शुरुआत में COVID-19 महामारी के चलते भारत आना पड़ा था।

मान्य नहीं हैं चीनी नागरिकों को जारी पर्यटक वीजा
भारत के संबंध में 20 अप्रैल को जारी एक सर्कुलर में इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) ने कहा कि चीन (पीपुल्स रिपब्लिक) के नागरिकों को जारी किए गए पर्यटक वीजा अब मान्य नहीं हैं। इसमें कहा गया कि भूटान, मालदीव और नेपाल के नागरिकों को भारत में प्रवेश की अनुमति है। इसके साथ ही भारत द्वारा जारी निवास परमिट वाले यात्री, भारत द्वारा जारी वीजा या ई-वीजा वाले यात्री, भारत के विदेशी नागरिक (ओसीआई) कार्ड या बुकलेट वाले यात्री, भारतीय मूल के व्यक्ति (पीआईओ) कार्ड वाले यात्री और राजनयिक पासपोर्ट वाले यात्री भारत में प्रवेश कर सकते हैं।

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भारत ने किया था सौहार्दपूर्ण रुख अपनाने का आग्रह
IATA ने यह भी कहा कि 10 साल की वैधता वाले पर्यटक वीजा अब मान्य नहीं हैं। बता दें कि IATA लगभग 290 सदस्यों वाला एक वैश्विक एयरलाइन निकाय है, जिसमें वैश्विक हवाई यातायात का 80 प्रतिशत से अधिक शामिल है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने 17 मार्च को कहा था कि भारत ने बीजिंग से इस मामले में "सौहार्दपूर्ण रुख" अपनाने का आग्रह किया है क्योंकि सख्त प्रतिबंधों की निरंतरता हजारों भारतीय छात्रों के शैक्षणिक करियर को खतरे में डाल रही है।

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बागची ने कहा था कि चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने 8 फरवरी को कहा था कि चीन इस मामले को समन्वित तरीके से देख रहा है और विदेशी छात्रों को चीन लौटने की अनुमति देने की व्यवस्था की जांच की जा रही है। लेकिन मैं स्पष्ट कर दूं कि आज तक, चीनी पक्ष ने भारतीय छात्रों की वापसी के बारे में कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी है। हम चीनी पक्ष से अपने छात्रों के हित में एक अनुकूल रुख अपनाने का आग्रह करना जारी रखेंगे और यह कि वे चीन में जल्द वापसी की सुविधा प्रदान करें ताकि हमारे छात्र अपनी पढ़ाई कर सकें। बागची ने कहा था कि पिछले साल सितंबर में दुशांबे में एक बैठक के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस मुद्दे को चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ भी उठाया था। दोनों विदेश मंत्रियों ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के एक सम्मेलन से इतर ताजिक राजधानी शहर में बातचीत की थी।

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