पूर्व सीडीएस जनरल बिपिन रावत अपने बार्डर्स को सुरक्षित करने केलिए रॉकेट फोर्स बनाने की दिशा में काम कर रहे थे। इसी फोर्स के लिए प्रलय को खरीदने का प्लान उन्होंने बनाया था।
Pralay ballistic missiles: भारत की सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की स्ट्रैटेजी पर अमल होना शुरू हो चुका है। भारत-चीन और भारत-पाकिस्तान की सीमाओं पर 120 प्रलय बैलिस्टिक मिसाइल्स की तैनाती होगी। रक्षा मंत्रालय ने रविवार को इन बैलिस्टिक मिसाइलों की खरीदी को मंजूरी दे दी। जमीन से जमीन पर टारगेट को निशाना बनाने में सक्षम इस मिसाइल से 150 से 500 किलोमीटर की दूरी तक दुश्मन को तबाह किया जा सकता है। यह मिसाइल रात में भी टारगेट को साधने में सक्षम है।
दो बार हो चुका है सफल परीक्षण
प्रलय बैलिस्टिक मिसाइल का 2021 में दो बार सफल परीक्षण हो चुका है। दरअसल, पूर्व सीडीएस जनरल बिपिन रावत अपने बार्डर्स को सुरक्षित करने केलिए रॉकेट फोर्स बनाने की दिशा में काम कर रहे थे। इसी फोर्स के लिए प्रलय मिसाइल्स को खरीदने का प्लान उन्होंने बनाया था। हालांकि, हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मारे जाने के बाद जनरल रावत का प्लान कुछ दिनों के लिए मुल्तवी कर दिया गया था।
यह है मिसाइल की खासियत
बैलिस्टिक मिसाइल प्रलय, जमीन से जमीन पर मार करने वाली क्वासी मिसाइल है। इसका निर्माण डीआरडीओ 2015 से कर रहा था। प्रलय का मुकाबला करने के लिए चीन के पास डोंगफेंग 12 मिसाइल्स हैं। जबकि पाकिस्तान के पास गजनवी, एम-11 और शाहीन मिसाइल हैं। लेकिन पाकिस्तान की तीनों मिसाइल्स की रेंज बेहद कम है। इन तीनों की अधिकतम रेंज, हमारे प्रलय के प्रारंभिक रेंज के बराबर है।
सीमा पर दहाड़ेगा जोरावर...
भारत-चीन विवाद के बीच देश के रक्षा मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है। मेक इन इंडिया के तहत भारतीय सेना के लिए 354 लाइट टैंक्स खरीदा जा सकता है। यह लाइट टैंक्स भारत-चीन की सीमा पर तैनात किया जाएगा। सेना में शामिल होने वाला यह टैंक, 'जोरावर' से जाना जाएगा। दरअसल, टैंक का नाम दिग्गज जनरल के नाम पर रखा गया है जिन्होंने तिब्बत में कई सफल जीत का नेतृत्व किया है। पढ़िए पूरी खबर...
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