
India-Afghanistan Ties: अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी भारत के आठ दिन के दौरे पर हैं। यह दौरा 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद भारत द्वारा तालिबान के वरिष्ठ नेता को दिया गया पहला उच्चस्तरीय स्वागत है। इस दौरे के दौरान दोनों देश राजनीतिक, आर्थिक और अन्य कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे। दिल्ली में शुक्रवार को भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मुत्ताकी के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई। इस बैठक में दोनों देशों ने अपने रिश्ते मजबूत करने की दिशा में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। भारत ने काबुल में अपने तकनीकी मिशन को दूतावास का दर्जा देने की घोषणा की, जो दोनों देशों के लिए एक बड़ा और महत्वपूर्ण राजनयिक कदम माना जा रहा है।
तालिबान के विदेश मंत्री और उनके प्रतिनिधिमंडल का भारत दौरे पर स्वागत करते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि यह यात्रा दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करने और स्थायी मित्रता को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि भारत, एक पास के पड़ोसी और अफगान लोगों के शुभचिंतक के रूप में, अफगानिस्तान के विकास और प्रगति में गहरी रुचि रखता है। भारत स्वास्थ्य, प्राकृतिक आपदाओं में मदद, और अफगान लोगों के लिए खाद्य सहायता जैसी हर संभव मदद करता है।
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एस. जयशंकर ने इस दौरान क्रिकेट के क्षेत्र की भी चर्चा की। उन्होंने कहा, “खेल ऐसे क्षेत्र हैं जहां हमारे दोनों देशों के लंबे समय से अच्छे संबंध हैं। अफगानिस्तान में क्रिकेट के खिलाड़ियों का उभरना बहुत ही प्रेरक रहा है। भारत अफगान क्रिकेट को और समर्थन देने को लेकर खुश है।” इसके बाद उन्होंने सबसे महत्वपूर्ण घोषणा की। जयशंकर ने कहा, "भारत पूरी तरह से अफगानिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध है। हमारे बीच मजबूत सहयोग न केवल अफगानिस्तान के राष्ट्रीय विकास में बल्कि क्षेत्रीय शांति और मजबूती में भी योगदान देता है। इसे और बढ़ाने के लिए मुझे आज काबुल में भारत के तकनीकी मिशन को भारतीय दूतावास का दर्जा देने की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है।"