Indian Air Force: भारतीय वायुसेना बनी दुनिया की तीसरी सबसे ताकतवर एयरफोर्स, देखें कौन से नंबर पर है पाकिस्तान?

Published : Oct 17, 2025, 06:51 AM ISTUpdated : Oct 17, 2025, 06:54 AM IST
Indian Air Force

सार

Indian Air Force: भारत ने वायुसेना की ताकत के मामले में चीन को पीछे छोड़ दिया है। डब्ल्यूडीएमएमए की नई रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय वायुसेना अब अमेरिका और रूस के बाद दुनिया की तीसरी सबसे ताकतवर वायुसेना बन गई है।

Indian Air Force: भारत ने वायुसेना की ताकत के मामले में चीन को पछाड़ दिया है। वर्ल्ड डायरेक्टरी ऑफ मॉडर्न मिलिट्री एयरक्राफ्ट की नई रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय वायुसेना अब अमेरिका और रूस के बाद दुनिया की तीसरी सबसे ताकतवर वायुसेना बन गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के पास भारत से ज्यादा लड़ाकू विमान जरूर हैं, लेकिन भारतीय वायुसेना तकनीक, ट्रेनिंग और मिशन को पूरा करने की क्षमता में चीन से आगे है। भारत की सबसे बड़ी ताकत है। हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायुसेना ने अपनी ताकत का प्रदर्शन भी किया था।

कैसे तय की जाती है रैंकिंग?

डब्ल्यूडीएमएमए हर साल दुनिया की सभी वायुसेनाओं की ताकत का मूल्यांकन करती है। यह रैंकिंग सिर्फ विमानों की संख्या पर नहीं, बल्कि लड़ाकू क्षमता, रक्षा प्रणाली, लॉजिस्टिक सपोर्ट, पायलटों की ट्रेनिंग और तकनीकी आधुनिकता पर आधारित होती है।

अमेरिका – 242.9 
रूस – 114.2 
भारत – 69.4 
चीन – 63.8 
जापान – 58.1

यह भी पढ़ें: "भारत के इशारे पर लड़ रहा तालिबान.." पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने लगाया बड़ा आरोप

तीनों सेनाओं का अच्छा तालमेल

भारत की तीनों सेनाओं थलसेना, नौसेना और वायुसेना के बीच बहुत अच्छा तालमेल है। रूस के पास बहुत सारे विमान हैं, लेकिन फिर भी वह यूक्रेन के ऊपर अपनी पकड़ नहीं बना सका। वहीं इजरायल ने साल 2025 में सिर्फ चार दिन में ही ईरान के आकाश पर कब्जा कर लिया, क्योंकि उसकी योजना और तकनीक बहुत अच्छी थी। हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर में भारत की तैयारी और ताकत साफ दिखाई दी। इस अभियान में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचाया। सेना के डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एलओसी पर पाकिस्तान के 100 से ज्यादा सैनिक मारे गए और कम से कम 12 पाकिस्तानी विमान नष्ट हो गए थे।

पायलटों की ट्रेनिंग और युद्ध की तैयारी पर भी ध्यान देता है भारत

चीन अपनी वायुसेना को आधुनिक बनाने और नई तकनीक लाने में अरबों डॉलर खर्च कर रहा है। वहीं भारत सिर्फ मशीनों पर नहीं, बल्कि अपने पायलटों की ट्रेनिंग और युद्ध की तैयारी पर भी ध्यान देता है। भारतीय वायुसेना की ताकत उसकी बेहतरीन ट्रेनिंग, जल्दी प्रतिक्रिया देने की क्षमता और सटीक हमले करने की योग्यता में है।

 

PREV
Read more Articles on

Recommended Stories

भारत-रूस शिखर सम्मेलन: PM मोदी के साथ राष्ट्रपति भवन में पुतिन को दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर
IndiGo Crisis: जब इंडिगो डगमगाई, 5,000 का टिकट रातों-रात 1.3 लाख तक पहुंच गया?