वायुसेना की 'विंग्स ऑफ ग्लोरी' रैली: 7 हजार किमी का सफर, जानें क्या है मकसद?
इंडियन एयरफोर्स 1 अक्टूबर को 'विंग्स ऑफ ग्लोरी' कार रैली शुरू कर रही है, जिसका उद्देश्य युवाओं को वायुसेना में शामिल होने के लिए प्रेरित करना है। रैली थोइस से तवांग तक 7 हजार किलोमीटर की दूरी तय करेगी।
Wings of Glory Car rally: वायुसेना में युवाओं को आकर्षित करने के लिए इंडियन एयरफोर्स की विंग्स ऑफ ग्लोरी कार रैली पहली अक्टूबर को शुरू की जाएगी। केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह इस रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। थोइस (सियाचिन) से तवांग तक करीब 7 हजार किलोमीटर की यात्रा तय करने वाली इस यात्रा का उत्तराखंड वॉर मेमोरियल प्रमुख भागीदार है।
इस असाधारण पहल में युवाओं को वायुसेना में शामिल होने के लिए प्रेरित करने खातिर देश के दिग्गज सपूतों की गाथाएं भी चित्रित की जाएगी। 1948 के कश्मीर ऑपरेशन से लेकर 1965, 1971, 1999 के युद्धों के अलावा बालाकोट स्ट्राइक या केदारनाथ आपदा आदि में वायुसेना योद्धाओं की उपलब्धियों की जानकारी दी जाएगी।
इस रैली में परमवीर चक्र निर्मलजीत सिंह सेखों, चंद्रमा पर उतरने वाले पहले भारतीय राकेश शर्मा, कारगिल नायक स्क्वाड्रन लीडर अजय आहूजा वीआरसी की गौरवशाली वायुसेना परंपरा के बारे में भी बताया जाएगा।
जानिए पूरा कार्यक्रम?
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वायु वीर विजेता आईएएफ-यूडब्ल्यूएम कार रैली को 1 अक्टूबर को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक से गर्मजोशी से विदा किया जाएगा। 8 अक्टूबर को वायुसेना दिवस पर थोइस (सियाचिन के रास्ते में भारतीय सैनिकों का ट्रांजिट हॉल्ट) से इसकी औपचारिक शुरुआत होगी। यह समुद्र तल से 3068 मीटर ऊपर (एएमएसएल) दुनिया के सबसे ऊंचे वायुसेना स्टेशनों में से एक है।
9 अक्टूबर को लद्दाख के उपराज्यपाल ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा लेह के पोलो ग्राउंड में वायु योद्धाओं की कार रैली की अगवानी करेंगे। इसके बाद उनको आगे के लिए रवाना करेंगे।
रैली को वायु वीर विजेता रैली के अलावा हिमालयन थंडर या विंग्स ऑफ ग्लोरी कार रैली भी नाम दिया गया है।
विंग्स ऑफ ग्लोरी कार रैली के 16 पड़ाव हैं। इस रैली के रूट्स पर कॉलेजों या यूनिवर्सिटीज के छात्रों या युवाओं के साथ बातचीत कर प्रेरित किया जाएगा। 16 पड़ाव के दौरान 20 बातचीत होगी। रैली जिस रूट से गुजरेगी, उस पर पड़ने वाले शहरों, कस्बों के चौक-चौराहों पर स्वागत भी किया जाएगा।
विंग्स ऑफ ग्लोरी कार रैली का समापन तवांग में होगा। यहां रैली का झंडा फहराया जाएगा। तवांग, छठे दलाई लामा के जन्मस्थान तिब्बत के बाहर दुनिया का सबसे बड़ा बौद्ध मठ है।
कार रैली में 52 वायु योद्धा ड्राइवर और को-ड्राइवर हैं। इसमें कई महिला वायुसेना अधिकारी हैं।
विभिन्न चरणों में तीन पूर्व वायु सेना प्रमुख इसमें शामिल हो रहे हैं। कारगिल युद्ध के दौरान नेतृत्व करने वाले एयर चीफ मार्शल अनिल टिपनिस, एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया और एयर चीफ मार्शल अरूप राहा भी रैली में रहेंगे। तीनों प्रमुख अफसर, मारुति सुजुकी द्वारा दिए गए 4x4 जिम्नी कार को चलाएंगे।
भारतीय वायु सेना का एडवेंचर सेल रैली को लीड करने के साथ कोआर्डिनेट कर रहा है। ग्रुप कैप्टन नमित रावत दिल्ली में रैली वॉर रूम को कंट्रोल करेंगे। विंग कमांडर विजय प्रकाश भट्ट पूरे रैली मार्ग में व्हील्स को नियंत्रित करेंगे।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का राजमार्ग मंत्रालय रैली में एक प्रमुख भागीदार है। रैली में राजमार्गों को लड़ाकू विमानों के लिए लैंडिंग एयरफील्ड के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा। केंद्रीय युवा एवं खेल मंत्री मनसुख मंडाविया राष्ट्रीय युद्ध स्मारक ध्वजारोहण में सहयोगी भागीदार के रूप में शामिल हो रहे हैं।
भारतीय वायुसेना को कठिन पहाड़ी वाहनों की सबसे बड़ी आपूर्तिकर्ता मारुति सुजुकी ने हिमालयन थंडर रैली के लिए सद्भावना के तौर पर अपनी 4x4 जिम्नी उपलब्ध कराई है।
सारेगामा इंडिया ने रैली के लिए विशेष रूप से संगीत से सुसज्जित एक जिम्नी दी है।
रैली 13 नवंबर तक दिल्ली लौट आएगी। यहां टॉप नेशनल लीडर्स एवं मिलिट्री लीडर्स को 'ध्वजारोहण' का सम्मान करने के लिए आमंत्रित किया गया है।
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के लेफ्टिनेंट गवर्नर एडमिरल डी के जोशी, एयर मार्शल बीडी जयल चौधरी और नए प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह को इस रैली के लिए बधाई दी है।