देश में पहली बार डॉग कोरोना के मरीजों की पहचान कर लेंगे। खास बात ये है कि भारतीय सेना के इन कुत्तों को कोरोना के मरीजों की पहचान करने में सिर्फ 2 सेकंड लगेंगे। सेना ने डॉग स्कॉवयड तैयार की है। इसमें दो कुत्ते हैं। ये किसी भी मरीज के मूत्र या पसीने के सैंपल को सूंघकर बता सकते हैं कि शख्स को कोरोना है या नहीं।
नई दिल्ली. देश में पहली बार डॉग कोरोना के मरीजों की पहचान कर लेंगे। खास बात ये है कि भारतीय सेना के इन कुत्तों को कोरोना के मरीजों की पहचान करने में सिर्फ 2 सेकंड लगेंगे। सेना ने डॉग स्कॉवयड तैयार की है। इसमें दो कुत्ते हैं। ये किसी भी मरीज के मूत्र या पसीने के सैंपल को सूंघकर बता सकते हैं कि शख्स को कोरोना है या नहीं।
सेना ने दिल्ली स्थित कैंट में मीडिया के सामने मंगलवार को अपने के-9 स्कॉवयड का सफल डेमो कर दिखा। सेना इन डॉग्स का इस्तेमाल पूर्वी लद्दाख से सटी सीमा में तैनात सैनिकों में कोरोना डिटेक्शन के लिए करेगी।
दो तरह की ब्रीड हुई तैयार
सेना के मुताबिक, मेरठ के रिमाउंट एंड वेटनरी कोर सेंटर ने दो तरह की खास डॉग ब्रीड को कोरोना की पहचान के लिए तैयार किया है। इनमें से एक तमिलनाडु की देसी नस्ल है, चिपिपराई और दूसरी कोकर स्पेनियल है। इसके अलावा अभी लेबराडोर ब्रीड को ट्रेनिंग भी दे रही है।
कैसे करेंगे कोरोना की पहचान
लेफ्टिनेंट कर्नल सुरेंद्र सैनी ने बताया कि सेना ने अपने डॉग्स को कोरोना मरीज के मूत्र और पसीने से निकलने वाले खास बायोमार्कर्स की पहचान कराई है। इसके चलते वे कोरोना के किसी मरीज को डिटेक्ट करने में सक्षम हैं।
दिल्ली कैंट में वेटनरी हॉस्पिटल में इन डॉग्स ने डेमो दिखाया। डेमो में कैसपर और जया ने एक लाइन में रखे 6 सैंपल्स में कोरोना संक्रमित सैंपल की पहचान कर ली। एक डॉग ने दो दो बार ऐसा करके दिखाया।