यह तस्वीर और वीडियो भारतीय सेना के प्रभावशाली इंजीनियरिंग स्किल्स को दिखाती है। रविवार को इंडियन आर्मी का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें सैनिक सिंधु नदी पर एक पुल का निर्माण करते दिखाई दे रहे हैं। पढ़िए पूरा माजरा...
नई दिल्ली. इंडियन आर्मी सिर्फ बॉर्डर पर तैनात रहकर देश की सुरक्षा नहीं करती, बल्कि यह दूसरे कामों में भी महत्वपूर्ण योगदान देती है। भारतीय रक्षा बलों(Indian Defence Forces) का एक और शानदार काम सामने आया है। भारतीय सेना का प्रभावशाली इंजीनियरिंग कौशल(Indian Army’s impressive engineering skills) रविवार को एक वीडियो के जरिये सामने आया है। इसमें सैनिक लद्दाख के दुर्गम क्षेत्र में सिंधु नदी पर एक पुल( A bridge over Indus river in Ladakh) का निर्माण करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस वीडियो का टाइटल है-'ब्रिजिंग चैलेंज-नो टेरेन और न ही एल्टीट्यूड इंसुरमटेबल।' यानी ब्रिज बनाने का चैलेंज-न धरती न ऊंचाई दुर्गम।
जानिए पूरी कहानी
इस वीडियो को भारतीय सेना के दक्षिण-पश्चिमी कमान(South Western Command of the Indian Army) ने अपने आफिसियल twitter पर शेयर किया है। यह एक्सरसाइज पूर्वी लद्दाख में सप्त शक्ति इंजीनियर्स(Sapta Shakti Engineers) ने की। इसमें लिखा गया कि पूर्वी लद्दाख में सप्तशक्ति इंजीनियर मोबिलिटी टॉस्क् और ट्रेनिंग को पूरा करते हैं। इसका उद्देश्य शक्तिशाली Indus नदी को पाटना, युद्ध और रसद दोनों क्षेत्रों की आवाजाही को सक्षम करना है। वीडियो में हैवी मेटल पार्ट्स को वाटरबॉडी की मैकेनिकल लॉन्चिंग होते दिखाई दी है। वीडियो के आखिर में पुल को पूरा होते दिखाया गया है। एक टीम वर्क के साथ सेना के जवानों को यह एक्सरसाइज पूरा करते देखा जा सकता है। पुल पूरा होने के बाद भारी ट्रक इलाके को पार कर जाते हैं। इससे पहले रविवार को भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे( Indian Army chief General Manoj Pande) लद्दाख सेक्टर के दो दिवसीय दौरे पर थे। उन्होंने भारतीय वायु सेना के अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर से उड़ान भरी थी। भारतीय वायुसेना के अधिकारियों(IAF officials) ने बताया कि लद्दाख हवाई अड्डे से यह उड़ान भरने की रिक्वेस्ट मिली थी। इसके बाद सेना प्रमुख ने हेलिकॉप्टर से क्षेत्र के ऊपर से उड़ान भरी।
चीन से निपटने तैनात किया गया है अपाचे
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा(Line of Actual Control ) पर चीन के साथ सैन्य गतिरोध(military standoff) की शुरुआत के बाद से अपाचे को लद्दाख सेक्टर में तैनात किया गया है। भारतीय वायु सेना के पास अमेरिकी ऑरिजन अटैक के ये 22 हेलीकॉप्टर हैं, जबकि 6 हेलीकॉप्टर और मिलने वाले हैं। भारतीय सेना की टीमें इसकी ट्रेनिंग के लिए अमेरिका में थीं, जिसे खुद डायरेक्टर जनरल ऑफ आर्मी एविएशन ने लीड किया था। हालांकि, भविष्य में सेना का मुख्य आधार एचएएल द्वारा विकसित किया जा रहा स्वदेशी हल्का लड़ाकू हेलीकॉप्टर होगा। सेना प्रमुख शनिवार से लद्दाख सेक्टर में थे। वहां उन्होंने पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 के पास गोगरा हाइट्स हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में चल रहे डिसइंगेजमेंट( disengagement) यानी चीन-भारत दोनों सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया के दौरान फारवर्ड एरिया का दौरा किया था।
भारतीय सेना ने कहा कि इससे पहले शनिवार को अपनी यात्रा के दौरान जनरल पांडे ने पर्वत प्रहार नामक युद्ध एक्सरसाइज को देखा। कमांडरों द्वारा इसकी तैयारियों के बारे में बताया गया। अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने सैनिकों के साथ बातचीत की और उनकी दृढ़ता और प्रोफेशनल स्टैंडर्ड के लिए उनकी सराहना की। बता दें कि विदेश मंत्रालय (MEA) ने शुक्रवार को कहा को कहा था कि मई 2020 के बाद LAC पर बने मुद्दों को हल करने की दिशा में बढ़ते हुए भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में LAC के गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स (PP-15) क्षेत्र में बनाए गए अस्थायी ढांचे और अन्य संबद्ध बुनियादी ढांचे को नष्ट करने और पीछे हटने पर सहमत हुए हैं।
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