इंडियन आर्मी खरीदेगी 1200 बख्तरबंद गाड़ियां, जानिए इसके फीचर्स

Published : May 15, 2022, 01:00 PM IST
इंडियन आर्मी खरीदेगी 1200 बख्तरबंद गाड़ियां, जानिए इसके फीचर्स

सार

इंडियन आर्मी 1200 ऐसे वाहनों का खरीद करेगी, जो ऊंचे क्षेत्रों, रेगिस्तान और मैदानी क्षेत्र में आसानी से गश्त लगा सके। खासकर चीन की सीमा पर इसका ज्यादा इस्तेमाल किए जाने की संभावना है। इसके लिए इंडियन आर्मी वेंडर्स के लिए प्रपोजल रिक्वेस्ट जारी करेगी. 

नई दिल्लीः इंडियन आर्मी (Indian Army) 1200 प्रोटेक्टेड मोबिलिटी वेहिकल की खरीद करेगी। यह गाड़ियां ऊंचे क्षेत्र, रेगिस्तान और मैदानी इलाकों में आसानी से तेज गश्त लगा सकेंगी। अपनी क्षमताओं को बेहतर बनाने के उद्देश्य से इंडियन आर्मी ने इसे खरीदने का एक आग्रह पत्र जारी किया है। इन 1200 वाहनों में से 500 वाहनों को सीमाओं में फैले 4000 मीटर या लगभग 15000 फीट से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा। 

चीन के साथ चल रहे सीमा गतिरोध के मद्देनजर भारत अपने सुरक्षा तंत्र को तेज कर रहा है। दो साल से यह गतिरोध बढ़ा है। 12 मई को गठित आरएफआई ने इस साल 10 जून तक वेंडर्स से उनके प्रोडक्ट की जानकारी मांगी है।प्रपोजल रिक्वेस्ट 2022 में जारी किया जाएगा। कॉन्ट्रेक्ट साइन करने के 12 महीनों में वेंडर को प्रेटेक्टेड मोबिलिटी वेहिकल को डिलीवर करना होगा। 

क्या है प्रोटेक्टेड मोबिलिटी वेहिकल
प्रोटेक्टेड मोबिलिटी वेहिकल एक बख्तरबंद गाड़ी होती है। इसके अंदर सैनिक अपने हथियार और गोला-बारूद के साथ चलते हैं. सीमा पर सुरक्षा गश्त करने के लिए इसका इस्तेमाल होता है। अचानक किसी हमले से निपटने के लिए भी यह गाड़ी कारगर साबित होती है। इस पर विस्फटकों का असर कम होता है। 

इंडियन आर्मी इन फैसिलिटी को ढूंढती है
यह सेल्फ ड्राइव ट्रांसमिशन के साथ 4x4 ड्राइव मोड के साथ हो। चालक और सह चालक के साथ 10 जवानों के बैठने की व्यवस्था रहे।पावर टू वेट रेश्यो 27 एचपी/टन के कम नहीं हो। इसमें 2 टन का वजन आसानी से लोड किया जा सके। इसका ग्राउंड क्लियरेंस कम से कम 350 एमएम का होना चाहिए। इसमें न्यूनतम स्टेनेज लेवल 2 ब्लास्टिक सुरक्षा होनी चाहिए। इससे ग्रेनेड, माइन ब्लास्ट से बचा जा सके। इन वाहनों की अधिकतम गति 80 किमी/घंटा होनी चाहिए। क्रॉस कंट्री में 40 किमी/घंटा स्पीड हो।7.62 एमएम एलएमजी बंदूकों माउंट करने की व्यवस्था हो।

इसमें कम से कम 11 फायरिंग पोर्ट भी होने चाहिए, जिनमें से प्रत्येक में पांच-पांच वाहन के स्टारबोर्ड और पोर्ट की तरफ और एक पीछे की तरफ होना चाहिए। वाहनों को दो टन के पेलोड के साथ 17000 फीट तक की ऊंचाई पर बेहतर ढंग से संचालित करने में सक्षम होना चाहिए।

 

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