Big News: भारतीय नौसेना के 8 आफिसर्स की कतर में सजा हुई कम, कतरी अदालत ने दी थी सजा-ए-मौत

भारत के विदेश मंत्रालय ने बताया कि मौत सजा पर पुनर्विचार करके उसे वहां की कोर्ट ने कम कर दिया गया है। अभी जजमेंट का डिटेल आना शेष है।

Qatar news: कतर में भारतीय नौसेना के 8 अधिकारियों को कतर में मिली सजा-ए-मौत पर कोर्ट ने पुनर्विचार किया है। कतरी कोर्ट ने भारतीय अधिकारियों की सजा को कम दिया है। भारत के विदेश मंत्रालय ने बताया कि मौत सजा पर पुनर्विचार करके उसे वहां की कोर्ट ने कम कर दिया गया है। अभी जजमेंट का डिटेल आना शेष है।

परिवार के साथ कोर्ट में दूतावास के अधिकारी रहे मौजूद

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विदेश मंत्रालय ने बताया कि 8 नेवी अफसरों की सजा-ए-मौत की सजा को कतर कोर्ट ने कैद में बदल दिया है। हम अगले कदम पर निर्णय लेने के लिए कानूनी टीम के साथ-साथ परिवार के सदस्यों के साथ निकट संपर्क में हैं। कतर में हमारे राजदूत और अन्य अधिकारी परिवार के सदस्यों के साथ आज अपील न्यायालय में उपस्थित थे। हम मामले की शुरुआत से ही उनके साथ खड़े हैं और हम सभी कांसुलर और कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे। हम कतरी अधिकारियों के साथ भी इस मामले को उठाना जारी रखेंगे। इस मामले की कार्यवाही की गोपनीय और संवेदनशील प्रकृति के कारण, इस समय कोई और टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।

24 नवम्बर को सजा-ए-मौत की सुनाई

24 नवंबर को कतर की एक कोर्ट ने नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों को मौत की सजा सुनाई थी। इसके बारे में भारत सरकार ने कहा था कि उसे "गहरा झटका" लगा है। गिरफ्तार किए गए पूर्व नौसैनिकों में कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर संजीव गुप्ता, कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ और नाविक रागेश गोपकुमार शामिल हैं।

नौसेना के इन आठ पूर्व अधिकारियों पर कतर ने जासूसी का आरोप लगाया है। इन्हें कतर की खुफिया एजेंसी ने पिछले साल अगस्त में गिरफ्तार किया था। बीते दिनों इन अधिकारियों के परिजन ने पीएम मोदी से लेकर देश के अन्य जिम्मेदारों को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप करने और उनको रिहा कराने की गुहार लगाई थी।

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