भारत की ‘सी-पावर’ में ऐतिहासिक उछाल! ये हैं वो वॉरशिप्स, जिनसे बदलेगा इंडो-पैसिफिक का समीकरण

Published : Aug 24, 2025, 06:53 PM IST
INS Udaygiri and INS Himgiri

सार

Indian Navy Stealth Warships: इंडियन नेवी के 2 नए स्वदेशी स्टेल्थ वॉरशिप ‘उदयगिरि’ और ‘हिमगिरि’ अफ्रीकी तट तक दुश्मनों की नींद उड़ाने को तैयार! ब्रह्मोस मिसाइल और प्रोजेक्ट 17A तकनीक से लैस ये घातक फ्रिगेट आखिर किस बड़े मिशन की तैयारी का संकेत हैं?

Indian Navy Advanced Radar Systems: क्या भारतीय नौसेना हिंद महासागर और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपनी समुद्री शक्ति का ऐसा प्रदर्शन करने वाली है, जिससे दुश्मनों की नींद उड़ जाए? जल्द ही भारतीय नौसेना के बेड़े में दो नए स्वदेशी स्टेल्थ वॉरशिप शामिल होने जा रहे हैं-INS उदयगिरि और INS हिमगिरि। ये आधुनिकतम नीलगिरी-क्लास फ्रिगेट (Project 17A) न केवल भारत की शिपबिल्डिंग क्षमता का प्रमाण हैं, बल्कि भारत की समुद्री रणनीति को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का संकेत भी देते हैं।

Project 17A का दमदार स्टेल्थ डिजाइन

INS उदयगिरि और INS हिमगिरि को अत्याधुनिक तकनीक से लैस किया गया है। 6670 टन वजनी ये युद्धपोत स्टेल्थ तकनीक, मॉड्यूलर निर्माण, ऑटोमेशन और एंटी-सबमरीन वॉरफेयर क्षमता से सुसज्जित हैं।

  • ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल से लैस।
  • MF-STAR सर्विलांस रडार और बराक-8 मिसाइल सिस्टम।
  • अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम।
  • ऐसा डिज़ाइन जो रडार, इंफ्रारेड और ध्वनि सिग्नेचर को कम कर देता है।

ये दोनों फ्रिगेट्स भारतीय शिपबिल्डिंग इंडस्ट्री की तकनीकी श्रेष्ठता का प्रदर्शन करते हैं-उदयगिरि का निर्माण मुंबई के MDL शिपयार्ड में, जबकि हिमगिरि का निर्माण कोलकाता के GRSE शिपयार्ड में हुआ है।

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अरब सागर से अफ्रीकी तट तक निगरानी का नेटवर्क

इन वॉरशिप्स का पेट्रोलिंग नेटवर्क अरब सागर, बंगाल की खाड़ी, पश्चिमी प्रशांत महासागर और पश्चिमी अफ्रीकी तट तक फैलेगा। ये भारतीय नौसेना की ब्लू-वॉटर कैपेबिलिटी को और मजबूत करेंगे और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की भूमिका को स्थिरता लाने वाली ताकत के रूप में स्थापित करेंगे।

जियो-पॉलिटिकल स्थिरता और ग्लोबल ट्रेड की सुरक्षा

हिंद महासागर दुनिया के सबसे व्यस्त सी-रूट्स में से एक है, जहाँ से ग्लोबल ऑयल ट्रेड का 80% गुजरता है। INS उदयगिरि और हिमगिरि के आने से भारत की समुद्री सुरक्षा और स्ट्रेटेजिक डिटरेंस क्षमता और मजबूत होगी। इन वॉरशिप्स के जरिए भारतीय नौसेना मलक्का स्ट्रेट, गल्फ ऑफ एडेन और मोजाम्बिक चैनल जैसे महत्वपूर्ण समुद्री रास्तों पर लगातार उपस्थिति दर्ज कराएगी।

भारत की शिपबिल्डिंग ताकत का प्रदर्शन

यह पहला मौका है जब भारतीय नौसेना एक साथ दो उन्नत स्टेल्थ फ्रिगेट्स को अपने बेड़े में शामिल कर रही है। यह उपलब्धि भारत के ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन और इंडिजिनस शिपबिल्डिंग इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा मील का पत्थर है।

नौसेना का भविष्य: आक्रामक और तेज़-तर्रार

INS उदयगिरि और INS हिमगिरि न केवल युद्ध में घातक साबित होंगे बल्कि HADR (Humanitarian Assistance and Disaster Relief), Non-Combatant Evacuation और अंतर्राष्ट्रीय मिशन को भी अंजाम दे सकेंगे। ये भारत को एक ऐसे राष्ट्र के रूप में स्थापित करेंगे जो हिंद महासागर और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शक्ति संतुलन बनाए रख सकता है।

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