Breaking: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में तबाही का मंजर! चिशोती गांव में बादल फटने से 65 मौतें, 100+ घायल, 32 लापता। भूस्खलन से रास्ते बंद, राजनाथ सिंह अस्पताल पहुंचे, PM मोदी की हालात पर पैनी नजर। क्या राहत कार्यों की रफ्तार बचा पाएगी और जिंदगियां?

Rajnath Singh Kishtwar Visit: जम्मू-कश्मीर का किश्तवाड़ जिला इस समय प्रकृति के प्रकोप का गवाह बना हुआ है। 14 अगस्त को चिशोती गांव में बादल फटने (Cloudburst) की भयावह घटना ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया। इस हादसे में अब तक 65 लोगों की मौत, 100 से ज्यादा घायल, और 32 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है, लेकिन भूस्खलन और खराब मौसम बचाव दलों के सामने सबसे बड़ी चुनौती बनकर खड़ा है।

प्रधानमंत्री की नजर में किश्तवाड़ की त्रासदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर गहरी चिंता जताई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी X (Twitter) पर लिखा, “प्रधानमंत्री बेहद चिंतित हैं और हालात पर लगातार नज़र रख रहे हैं।” प्रधानमंत्री कार्यालय से स्थानीय प्रशासन और सेना को राहत एवं बचाव कार्य में पूरी ताकत झोंकने के निर्देश दिए गए हैं।

Scroll to load tweet…

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहुंचे जम्मू, घायलों से की मुलाकात

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रविवार को जम्मू के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे और वहां भर्ती घायलों से मुलाकात की। उन्होंने पीड़ितों का हालचाल जाना और उनके इलाज की समीक्षा की। अस्पताल में भर्ती सभी घायलों ने बताया कि वे इलाज से संतुष्ट हैं।

यह भी पढ़ें… कौन हैं अनीस दयाल सिंह? जिन्हें CRPF के बाद दी गई डिप्टी NSA की कुर्सी

भूस्खलन ने रोका प्रभावित गांव का दौरा

रक्षा मंत्री ने किश्तवाड़ के चिशोती गांव का दौरा करने का प्लान बनाया था, लेकिन भूस्खलन और लगातार बारिश के कारण उनका दौरा संभव नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि “मैं गुलाबगढ़ तक उतर भी पाता, तो भी चिशोती गांव पहुंचना मुश्किल था क्योंकि सड़कें भूस्खलन से अवरुद्ध हैं।” इस वजह से उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रभावित परिवारों से जुड़ने का निर्णय लिया।

Scroll to load tweet…

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कसी कमर

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह भी राजनाथ सिंह के साथ मौजूद रहे। अस्पताल पहुंचकर उन्होंने घायलों की स्थिति का जायजा लिया। राज्य प्रशासन ने सेना, NDRF और SDRF को राहत और बचाव कार्य में लगाया हुआ है।

किश्तवाड़ हादसे का भयावह आंकड़ा

इस त्रासदी ने क्षेत्र को गहरे सदमे में डाल दिया है। आंकड़ों के मुताबिक, 65 शव बरामद किए जा चुके हैं, 100 से ज्यादा लोग घायल हैं, और 32 लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना जलवायु परिवर्तन (Climate Change) के कारण हो रही प्राकृतिक आपदाओं का स्पष्ट संकेत है।

यह भी पढ़ें… International Big Cat Alliance: टाइगर से लेकर स्नो लेपर्ड तक! PM मोदी की IBCA योजना से जुड़े 90 देश, क्यों है खास?