Aneesh Dayal Singh: पूर्व CRPF चीफ अनीश दयाल सिंह बने डिप्टी NSA! क्या भारत की सुरक्षा रणनीति में आएगा बड़ा बदलाव? साइबर खतरों, आतंकवाद और उग्रवाद से निपटने के लिए सरकार का ये कदम क्या नए युग की शुरुआत का संकेत है?

Former CRPF Chief Aneesh Dayal Singh: भारत के सुरक्षा तंत्र में बड़ा फेरबदल! केंद्र सरकार ने पूर्व CRPF और ITBP प्रमुख अनीश दयाल सिंह को Deputy National Security Advisor (डिप्टी NSA) नियुक्त कर भारत की सुरक्षा नीति को नया मोड़ देने का संकेत दिया है। मणिपुर कैडर के 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी सिंह अपनी रणनीतिक सोच और खुफिया अनुभव के लिए जाने जाते हैं। अब वे NSA अजीत डोभाल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आतंकवाद, उग्रवाद और साइबर खतरों से निपटने की योजना पर काम करेंगे। यह नियुक्ति ऐसे समय पर हुई है जब देश कई मोर्चों पर सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है। क्या यह कदम भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को नए युग में ले जाएगा?

CRPF और ITBP के पूर्व महानिदेशक की नई चुनौती

अनीश दयाल सिंह का पुलिस सेवा में तीन दशकों से अधिक का शानदार करियर रहा है। उन्होंने केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) जैसे प्रमुख सुरक्षा संगठनों की कमान संभाली। दिसंबर 2024 में सेवानिवृत्त होने के बाद भी उन्हें देश के सुरक्षा ढांचे में नई जिम्मेदारी देना उनके अनुभव की अहमियत को दर्शाता है।

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आतंकवाद और उग्रवाद-रोधी रणनीति में विशेषज्ञता

सिंह को नक्सलवाद, पूर्वोत्तर उग्रवाद और आतंकवाद-रोधी अभियानों में विशेष महारत हासिल है। उनका व्यापक अनुभव भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति (National Security Policy) को और मजबूत बनाएगा। वे आतंकवादियों और दुश्मन तत्वों के नेटवर्क को खत्म करने की रणनीति में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं।

NSA अजीत डोभाल के साथ रणनीतिक साझेदारी

NSA अजीत डोभाल के साथ मिलकर सिंह भारत के सुरक्षा ढांचे को पुनर्गठित करने की दिशा में काम करेंगे। यह जोड़ी आतंकवाद, सीमा सुरक्षा और साइबर खतरों के खिलाफ भारत की तैयारियों को एक नए स्तर पर ले जा सकती है।

साइबर सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों का एकीकरण

इस भूमिका में सिंह इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB), रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के बीच तालमेल को मजबूत करेंगे। उनका लक्ष्य होगा सुरक्षा खतरों पर समय रहते कार्रवाई और देश की साइबर डिफेंस को मजबूत करना।

भारत की सुरक्षा रणनीति का नया अध्याय

सिंह की नियुक्ति को भारत की सुरक्षा रणनीति का एक टर्निंग पॉइंट माना जा रहा है। उनका नेतृत्व आने वाले समय में न केवल आतंरिक सुरक्षा बल्कि अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा संबंधों में भी अहम भूमिका निभाएगा।

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