
IndiGo Crisis Today Update: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो पिछले एक हफ्ते से बड़े संकट से जूझ रही है। सोमवार को भी हालात सामान्य नहीं हो पाए और देशभर के कई बड़े एयरपोर्ट्स पर 350 से ज्यादा उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। इस क्राइसिस से बड़ी संख्या में पैसेंजर्स परेशान हुआ हैं। सरकार के आदेश के बाद एयरलाइन कंपनी ने रिफंड भी देने शुरू कर दिए हैं। हालांकि, अभी भी पैसेंजर्स के मन में एक ही सवाल चल रहा है कि आखिर सबकुछ कब तक पहले जैसा हो जाएगा?
इंडिगो का ऑपरेशनल संकट सबसे ज्यादा देश के बड़े एयरपोर्ट्स पर दिखा। दिल्ली एयरपोर्ट पर ही आज 134 उड़ानें रद्द हुईं, जिनमें 75 डिपार्चर और 59 अराइवल शामिल रहे। वहीं, बेंगलुरु में 127 उड़ानें कैंसल करनी पड़ीं, जिसने दक्षिण भारत की जाने वालों को बुरी तरह प्रभावित किया। चेन्नई में 71, अहमदाबाद में 20 और विशाखापट्टनम (Vizag) में 7 उड़ानें ग्राउंड कर दी गईं। मुंबई और कोलकाता जैसे अन्य मेट्रो शहर भी इस कैंसिलेशन की चपेट से नहीं बच सके। सुबह 10 बजे तक कुल 360 उड़ानें कैंसिल होने की पुष्टि की गई है।
इंडिगो के मुताबिक, यह संकट मुख्य रूप से पायलटों की कमी और FDTL (Flight Duty Time Limitations) नियमों के पूरी तरह से लागू होने के कारण पैदा हुआ। पायलटों की अनिवार्य रेस्ट टाइम बढ़ने से फ्लाइट ऑपरेशन्स पर भारी असर पड़ा। कंडीशन बिगड़ती ही जा रही थीं, ऐसे में सरकार को आगे आना पड़ा और नियमों को अस्थायी रूप से रोक दिया गया। एयरलाइन उम्मीद कर रही है कि 10 दिसंबर तक हालात सामान्य हो जाएंगे।
रविवार को इंडिगो ने 650 से ज्यादा उड़ानें रद्द की थीं, जबकि इससे दो दिन पहले यह संख्या 1,000 से ऊपर पहुंच गई थी। इस बीच इंडिगो ने अभी तक 610 करोड़ रुपये से ज्यादा के टिकट रिफंड यात्रियों को लौटाए हैं। कई यात्रियों के बैगेज भी डिले हो रहे थे, जिसमें से 3,000 बैग्स वापस उनके मालिकों तक पहुंचाए जा चुके हैं।
उड़ानों के लगातार कैंसिल होने और पैसेंजर्स की बढ़ती परेशानियों को देखते हुए सरकार ने एयरलाइन के खिलाफ सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। DGCA ने इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स और जिम्मेदार मैनेजर इसिड्रो पोर्केरास को शो-कॉज नोटिस जारी किया है। दोनों को अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए 6 बजे तक का समय दिया गया है। इसके साथ ही सरकार ने एयरफेयर पर भी कैप लगाया है और एयरलाइन को रिफंड प्रक्रिया तेज करने का आदेश दिया है। एक हाई लेवल जांच भी शुरू हो चुकी है, जिसमें मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि यह जिम्मेदारी पूरी तरह इंडिगो की है, क्योंकि पायलट ड्यूटी नॉर्म्स का निर्देश एक साल पहले ही जारी किया जा चुका था।
इंडिगो ने कहा है कि यह संकट सिर्फ एक कारण से नहीं, बल्कि कई ऑपरेशनल और स्टाफिंग से जुड़े कारणों से पैदा हुआ है। कंपनी फिलहाल पूरे मामले की जांच कर रही है कि किस वजह से इतने बड़े स्तर पर संचालन रुका। कंपनी फिलहाल यह सुनिश्चित करने में लगी है कि आने वाले दिनों में उड़ानें वापस ट्रैक पर आ जाएं कंपनी का कहना है कि 10 दिसंबर तक हालात सामान्य हो सकते हैं।