इंडिगो संकट: आखिर ऐसा क्या हुआ कि सरकार को कहना पड़ा-नियमों पर कोई बातचीत नहीं होगी?

Published : Dec 09, 2025, 01:26 PM IST
 indigo flight chaos roster rules minister action news update

सार

इंडिगो फ्लाइट संकट पर सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि रोस्टरिंग नियमों पर कोई समझौता नहीं होगा। 500 से ज्यादा उड़ानें रद्द, DGCA की जांच जारी, 750 करोड़ रिफंड प्रोसेस। नई एयरलाइंस को बढ़ावा देने की तैयारी भी शुरू। पूरी रिपोर्ट पढ़ें।

नई दिल्ली। भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो पिछले कुछ दिनों से ऐसे संकट में फंसी है जिसने देश के एविएशन सेक्टर की कमजोरियों को खुलकर सामने ला दिया। एयरपोर्ट्स पर यात्रियों की भीड़, लगातार कैंसिल होती उड़ानें और रोस्टरिंग पर छिड़ा विवाद-इन सबने मिलकर हवा में उड़ते विश्वास को जमीन पर ला दिया। सरकार ने पहली बार बेहद कड़े शब्दों में कहा है कि पायलट और क्रू के रोस्टरिंग नियमों पर कोई बातचीत नहीं होगी, चाहे एयरलाइन कितनी भी बड़ी क्यों न हो। एविएशन मंत्री राम मोहन नायडू का यह बयान बताता है कि इंडिगो का यह संकट सिर्फ ‘मैनेजमेंट की चूक’ ही नहीं, बल्कि एक गहरी सिस्टम फेल्योर का हिस्सा भी है। आखिर इस उथल-पुथल की जड़ क्या है? क्या रोस्टरिंग नियम वाकई इतना बड़ा कारण बने? या फिर कहानी कहीं और छिपी है?

क्या रोस्टरिंग नियमों ने इंडिगो की उड़ानों को जमीन पर बैठा दिया?

पिछले हफ्ते अचानक 500 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो जाने के बाद यात्रियों में हड़कंप मच गया। एयरपोर्ट्स पर अफरा-तफरी इतनी थी कि कई लोग घंटों फंसे रहे। कहे जाने लगा कि पायलटों की कमी और क्रू रोस्टर की गड़बड़ी ही इसका मुख्य कारण है। दो साल पहले सरकार ने नए FDTL (Flight Duty Time Limitation) नियम लागू किए थे, जिनका मकसद था पायलटों की थकान को कम करना और उड़ानों को सुरक्षित बनाना। लेकिन इंडिगो-जो पहले से कम डाउनटाइम रखकर काम करती रही है-इन नियमों को लेकर तैयारी नहीं कर पाई। नतीजा, अचानक पायलट शेड्यूल बिगड़ गए, क्रू कम पड़ गया और उड़ानें लगातार कैंसिल होने लगीं। क्या इंडिगो ने जोखिमों को नजरअंदाज किया, या संकट वाकई अचानक आया?

 

 

DGCA ने नियमों में ढील क्यों दी? क्या दबाव काम कर गया?

जब हालात बेकाबू होने लगे, DGCA ने अस्थायी रूप से रात की ड्यूटी नियमों में थोड़ी ढील दी। यह फैसला इतनी जल्दी लिया गया कि एक्सपर्ट्स ने सवाल उठाना शुरू कर दिया।

क्या इंडिगो ने दबाव बनाया?

सरकार ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा "सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं हो सकता। यह राहत सिर्फ ऑपरेशनल बैलेंस बहाल करने के लिए थी।" लेकिन इस फैसले ने बहस को और गहरा कर दिया।

क्या इंडिगो की ताकत ही आज उसकी कमजोरी बन रही है?

  • इंडिगो का मार्केट शेयर 65% है।
  • एयर इंडिया 27% पर है।
  • यानी घरेलू एविएशन में लगभग डुओपॉली जैसी स्थिति है।
  • इस परिस्थित‍ि में अगर इंडिगो लड़खड़ाती है-पूरा सिस्टम हिल जाता है।
  • इसी वजह से मंत्री ने कहा- “अब नई एयरलाइंस को बढ़ावा दिया जाएगा।”

750 करोड़ का रिफंड-क्या इससे यात्रियों की परेशानी खत्म हो गई?

  • 1 दिसंबर से 8 दिसंबर के बीच 7 लाख से ज्यादा PNR रद्द हुए।
  • इंडिगो ने दावा किया है कि वह 750 करोड़ का रिफंड प्रोसेस कर चुका है।

लेकिन यात्रियों का दर्द सिर्फ पैसे तक सीमित नहीं:

  • शादी की तारीखें गड़बड़ाईं
  • जॉब इंटरव्यू मिस हुए
  • हफ्तों की प्लानिंग बर्बाद हो गई

इस अचानक हुए संकट ने यह भी पूछने पर मजबूर किया कि क्या देश की सबसे बड़ी एयरलाइन अपने ही आकार के बोझ तले दब रही है?

क्या इंडिगो की बताई गई ‘टेक्निकल गड़बड़ी’ असली वजह है?

इंडिगो ने शोकॉज नोटिस के जवाब में कहा कि संकट इन वजहों से आया:

  • तकनीकी गड़बड़ियां
  • विंटर शेड्यूल बदलाव
  • खराब मौसम
  • एयरपोर्ट भीड़
  • FDTL लागू करने की चुनौतियां

क्या यह संकट भारत के एविएशन का टर्निंग पॉइंट बन सकता है?

सरकार और इंडिगो दोनों अब अपनी-अपनी स्थिति मजबूत करने में लगे हुए हैं। मंत्री का साफ संदेश “कोई भी एयरलाइन नियमों से ऊपर नहीं।” इंडिगो का जवाब “हम हालात सुधार रहे हैं।” लेकिन इस पूरे विवाद ने एक बात तो साफ कर दी…भारत को अब एक अधिक मजबूत, पारदर्शी और संतुलित एविएशन सिस्टम की जरूरत है।

क्या इंडिगो पर सरकार झुकी…या दबाव उल्टा पड़ा?

जब DGCA ने नियमों में अस्थायी ढील देकर इंडिगो को राहत देने की कोशिश की, तो एक्सपर्ट्स ने इसे गलत बताया। उनका कहना था कि इतने बड़े मार्केट शेयर वाली एयरलाइन के कारण सरकार दबाव में आ गई। मंत्री नायडू ने कहा कि “यह मामला हल्के में नहीं लिया गया। यह देश के सभी एयरलाइंस के लिए एक मिसाल है।” लेकिन मंत्री नायडू ने साफ किया कि “हम किसी एयरलाइन के दबाव में नहीं हैं। नियम सबके लिए एक समान हैं। सुरक्षा सबसे ऊपर है। तो क्या यह कदम इंडिगो के लिए चेतावनी है कि अब चालें चलने से पहले दो बार सोचना होगा?

 

PREV
Read more Articles on

Recommended Stories

केंद्र का कड़ा फैसला: आखिर इंडिगो की 115 फ्लाइट्स क्यों हटा दी गईं? वजह चौंकाने वाली
NDA मीटिंग में PM मोदी का सम्मान क्यों किया गया? विंटर सेशन के 7वें दिन संसद में क्या होने वाला है?