Swachh Vidyalaya Puraskar: देश के टॉप-40 स्वच्छ स्कूलों को मिलेगा अवार्ड, इस साल ईनामी राशि होगी 60000 रुपए

केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार(Subhash Sarkar) नेवर्चुअल माध्यम के जरिए स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार (SVP) 2021-2022 की शुरुआत करते हुए कहा कि इस बार  6 उप-श्रेणीवार पुरस्कार भी शुरू किए गए हैं।

Asianet News Hindi | Published : Jan 13, 2022 8:34 AM IST / Updated: Jan 13 2022, 02:06 PM IST

नई दिल्ली. स्वच्छता के मामले में मिसाल कायम करने वाले देश के 40 स्कूलों को स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार(Swachh Vidyalaya Puraskar 2021–2022) दिया जाएगा। केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार(Subhash Sarkar) ने 12 जनवरी को वर्चुअल माध्यम के जरिए स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार (SVP) 2021-2022 की शुरुआत की। इस साल राष्ट्रीय स्तर पर संपूर्ण श्रेणी के तहत पुरस्कारों के लिए 40 स्कूलों का चयन किया जाएगा। वहीं, समग्र शिक्षा योजना के तहत स्कूलों के लिए पुरस्कार की राशि को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 60,000 रुपये प्रति स्कूल कर दिया गया है। साथ ही, 20,000 रुपये प्रति स्कूल की पुरस्कार राशि के साथ पहली बार 6 उप-श्रेणीवार पुरस्कार(sub-category wise award) भी शुरू किए गए हैं। कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा और साक्षरता (एसईएल) विभाग की सचिव श्रीमती अनीता करवाल के साथ सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों और यूनिसेफ के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

इन बिंदुओं पर होगा सिलेक्शन
मंत्री ने पुरस्कारों की शुरुआत करते हुए स्कूलों में जल, स्वच्छता और साफ-सफाई के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि ये छात्रों के स्वास्थ्य, उनकी उपस्थिति, विद्यालय छोड़ने की दर और सीखने के परिणामों को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मंत्री ने कहा कि स्कूलों में जल, स्वच्छता और स्वास्थ्यकारिता(healthfulness) सुविधाओं के प्रावधान एक स्कूल के स्वस्थ वातावरण को सुनिश्चित करता है और बच्चों को रोगों (कोविड-19 सहित) और पढ़ाई के छूटने से बचाता है। सरकार ने इस बात पर जोर दिया कि स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार उन स्कूलों को मान्यता, प्रेरणा और पुरस्कार प्रदान करता है, जिन्होंने जल, स्वच्छता और स्वास्थ्यकारिता के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य किया है। इसके अलावा भविष्य में आगे की सुधारों को लेकर अन्य विद्यालयों के लिए एक बेंचमार्क (मानदण्ड) और रोडमैप भी प्रदान करता है।

2016-17 में शुरू किया गया था पुरस्कार
स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने स्वच्छता के बारे में आत्म-प्रेरणा और जागरूकता उत्पन्न करने के लिए स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार (एसवीपी) को पहली बार 2016-17 में शुरू किया था।  एसवीपी 2021-22 में ग्रामीण और शहरी, दोनों क्षेत्रों में सभी श्रेणियों के स्कूल यानी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और निजी स्कूल हिस्सा ले सकते हैं। एक ऑनलाइन पोर्टल और मोबाइल एप के जरिए 6 उप-श्रेणियों में स्कूलों का मूल्यांकन किया जाएगा और यह प्रणाली स्वचालित रूप से समग्र अंक और रेटिंग प्रदान करेगा। इन उप-श्रेणियों में : जल, स्वच्छता, साबुन से हाथ धोना, संचालन व रखरखाव, व्यवहार परिवर्तन व क्षमता निर्माण और एक नई शामिल गई श्रेणी कोविड-19 की तैयारी व प्रतिक्रिया है। स्कूलों को इन पुरस्कारों के लिए आवेदन करने के लिए मार्च, 2022 तक का पर्याप्त समय दिया गया है, जिससे वे उचित और सुरक्षित समय पर ऐसा कर सकें।

स्टार रेटिंग मिलेगी
स्कूलों को जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की मान्यता प्राप्त फाइव स्टार रेटिंग प्रणाली के आधार पर सम्मानित किया जाएगा। इसके अलावा हर एक स्कूल को एक भागीदारी करने का प्रमाण पत्र भी मिलेगा। इसमें श्रेणीवार अंक और विद्यालय की समग्र रेटिंग को प्रदर्शित किया जाएगा। यह स्कूलों में बेहतर जल, स्वच्छता और स्वास्थ्यकारिता से संबंधित स्थायी अभ्यासों को बढ़ावा देने में सहायता करेगा।

राशि बढ़ाई गई
इस साल राष्ट्रीय स्तर पर संपूर्ण श्रेणी के तहत पुरस्कारों के लिए 40 स्कूलों का चयन किया जाएगा। वहीं, समग्र शिक्षा योजना के तहत स्कूलों के लिए पुरस्कार की राशि को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 60,000 रुपये प्रति स्कूल कर दिया गया है। साथ ही, 20,000 रुपये प्रति विद्यालय की पुरस्कार राशि के साथ, पहली बार 6 उप-श्रेणीवार पुरस्कार भी शुरू किए गए हैं।

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