
Naval combantants INS commissioning: देश की सीमाओं को जल, थल और वायु हर ओर से सुरक्षा देने के लिए हमारे जांबाज जवान हर पल मुश्तैद रहते हैं। देश को हर स्तर से सुरक्षित रखने के लिए हथियार-फाइटर जेट से लेकर युद्धपोत तक हमारे पूरी तरह से एडवांस किए जा रहे हैं। लगातार बढ़ती सैन्य ताकत के बीच बुधवार को समुद्री सीमाओं को और मजबूत निगहबानी के लिए आईएनएस के तीन नए जहाज भी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए शामिल जो रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी बुधवार को मुंबई में नौसेना डॉकयार्ड में तीन अग्रणी नौसैनिक जहाजों आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरी और आईएनएस वाघशीर को राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
भारतीय नौसेना के लिए तीनों नौसैनिक जहाज एक महत्वपूर्ण आधार साबित होने जा रहे हैं। तीन प्रमुख नौसैनिक जहाजों का शामिल होना डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग और मैरीटाइम सिक्योरिटी में ग्लोबल लीडर बनने के भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इन तीन युद्धपोतों की कमीशनिंग भारत की आत्मनिर्भर भारत पहल को गति प्रदान करती है। ये न केवल भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ाएंगे बल्कि ग्लोबली भारत की समुद्री ताकत और डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं का प्रदर्शन भी करेंगे।
आईएनएस सूरत पी15बी गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर प्रोजेक्ट का चौथा और अंतिम पोत है। इसे दुनिया के सबसे बड़े और अत्याधुनिक विध्वंसक जहाजों में गिना जाता है। यह 75% स्वदेशी सामग्री से निर्मित है। आईएनएस सूरत को अत्याधुनिक हथियार-सेंसर और एडवांस नेटवर्क-सेंट्रिक क्षमताओं से लैस किया गया है।
आईएनएस नीलगिरी पी17ए स्टेल्थ फ्रिगेट प्रोजेक्ट का पहला पोत है। इसे भारतीय नौसेना के वॉरशिप डिज़ाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किया गया है। एडवांस सिक्योरिटी, समुद्री स्टेबिलिटी और स्टेल्थ विशेषताओं के साथ यह स्वदेशी फ्रिगेट्स के नेक्स्ट जेनेरेशन को प्रदर्शित करता है।
आईएनएस वाघशीर पी75 स्कॉर्पीन प्रोजेक्ट की छठी और अंतिम पनडुब्बी है। यह भारत की पनडुब्बी निर्माण क्षमता में हो रही प्रगति का प्रतीक है। इसे फ्रांस की नेवल ग्रुप के साथ साझेदारी में बनाया गया है।
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