72 घंटों में ऐसा क्या हुआ, शिवसेना की सरकार बनते बनते देवेन्द्र फडणवीस बन गए सीएम

महाराष्ट्र में आज सुबह बड़ा उलटफेर हुआ। जहांं एक दिन पहले सरकार गठन पर शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने बैठक की, वहीं अगली सुबह देवेन्द्र फडणवीस ने सरकार बना ली। उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। एनसीपी नेता अजित पवार उपमुख्यमंत्री बने। 

Asianet News Hindi | Published : Nov 23, 2019 5:35 AM IST / Updated: Nov 23 2019, 11:53 AM IST

मुंबई. महाराष्ट्र में आज सुबह बड़ा उलटफेर हुआ। जहांं एक दिन पहले सरकार गठन पर शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने बैठक की, वहीं अगली सुबह देवेन्द्र फडणवीस ने सरकार बना ली। उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। एनसीपी नेता अजित पवार उपमुख्यमंत्री बने। राजभवन में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने देवेन्द्र फडणवीस को सीएम और अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। ऐसे में सवाल यह कि आखिर शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की सरकार बनते-बनते देवेन्द्र फडणवीस कैसे सीएम बन गए।  

72 घंटे पहले क्या हुआ?

20 नवंबर :  पीएम मोदी से मुलाकात, पवार को केंद्र में बड़ी भूमिका की खबर आई
संसद भवन में 20 नवंबर को एनसीपी चीफ शरद पवार ने पीएम मोदी से मुलाकात की। मुलाकात के बाद कयास लगाए जाने लगे कि इस मुलाकात के बाद महाराष्ट्र में सरकार गठन पर कोई बड़ी खबर आ सकती है। मुलाकात के बाद एनसीपी चीफ शरद पवार ने ट्वीट किया, "प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के दौरान मैंने उन्हें वसंतदादा शुगर इंस्टीट्यूट में 21 जनवरी से 2 फरवरी 2020 तक होने वाले तीन दिवसीय सम्मेलन और प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के लिए आमंत्रित किया है। सम्मेलन का विषय चीनी और संबंद्ध उद्योगों में नवाचार और विविधीकरण है। लेकिन मीडिया में सूत्रों के हवाले से खबर चली कि मुलाकात में शरद पवार को केंद्र में बड़ी भूमिका देने की बात कही गई है। यह भी बात सामने आई कि शरद पवार के लिए राष्‍ट्रपति पद की पेशकश भी की गई थी। 

18 नवंबर : सोनिया से 50 मिनट की मुलाकात के बाद पवार ने कहा, सरकार गठन पर नहीं हुई बात
पीएम मोदी से मुलाकात से दो दिन पहले शरद पवार ने 18 नवंबर को कांग्रेस की अतंरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। लगभग 50 मिनट तक मुलाकात हुई। 10 जनपथ में हुई मुलाकात के बाद जब शरद पवार ने कहा कि मुलाकात में महाराष्ट्र सरकार गठन पर कोई बात नहीं हुई तो पवार की इस बात ने लोगों को चौंकाया। राजनीति के जानकारों ने कयास लगाए कि शायद ही कांग्रेस शिवसेना को सपोर्ट करे। यही से बात बिगड़ने के कयास लगने लगे।  

22 नवंबर : शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की 2 घंटे तक मुलाकात, नहीं बनीं "स्पष्ट बात"
फिर बारी आई 22 नवंबर को होने वाली बैठक पर, जब पहली बार शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बड़े नेताओं की मुंबई में मुलाकात हुई। बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, शिव सेना चीफ उद्धव ठाकरे और एनसीपी नेता शरद पवार और अजीत पवार एक साथ बैठक हुई। इसके अलावा कांग्रेस नेता अहमद पटेल और कांग्रेस महासचिव के. सी वेणुगोपाल भी बैठक में मौजूद थे। 

बैठक के बाद तीनों दलों से आए "अलग-अलग बयान"
बैठक के बाद शरद पवार ने स्पष्ट रूप से कहा कि शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे ही महाराष्ट्र के सीएम होंगे, लेकिन कुछ देर बाद ही शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे से पूछा गया कि क्या उद्धव ठाकरे ही सीएम होंगे, इसपर उन्होंने कहा कि अभी कई बातों पर फैसला होना बाकी है। वहीं तीनों दलों की बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई। आश्चर्य की बात यह है कि प्रेस कॉन्फ्रेस में सिर्फ कांग्रेस के नेता दिखाई दिए। तभी सवाल उठने लगे कि दो घंटे की लंबी मुलाकात के बाद आखिर सरकार गठन पर कोई बात स्पष्ट क्यों नहीं हो पाई।

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