खुलासा : स्थानीय गैंगस्टरों से संपर्क साध रहे ISI- आतंकी संगठन, भारत में हमले के लिए रची ये साजिश

भारत में हमला करने के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी और आतंकी नई साजिश रच रहे हैं। भारतीय खुफिया एजेंसी और सुरक्षाबलों की मुस्तैदी के चलते तमाम कोशिशों के बावजूद आईएसआई और आतंकी संगठन भारत में हमले करने में नाकाम रहे हैं। 

Prabhanjan bhadauriya | Published : Aug 24, 2020 10:14 AM IST / Updated: Aug 24 2020, 03:49 PM IST

नई दिल्ली. भारत में हमला करने के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी और आतंकी नई साजिश रच रहे हैं। भारतीय खुफिया एजेंसी और सुरक्षाबलों की मुस्तैदी के चलते तमाम कोशिशों के बावजूद आईएसआई और आतंकी संगठन भारत में हमले करने में नाकाम रहे हैं। ऐसे में ये संगठन अब स्थानीय गैंगस्टरों से संपर्क साध अपने मंसूबों को अंजाम देने की साजिश रच रहे हैं। 

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, हाल ही में खुफिया एजेंसी की चंडीगढ़ यूनिट ने सभी सुरक्षा एजेंसियों को इस बारे में अलर्ट किया है। एजेंसी के मुताबिक, आतंकी संगठन ताकतवर स्थानीय गैंगस्टरों से संपर्क साध रहे हैं। 

आईएसआई के संपर्क में हैं गैंगस्टर
इतना ही नहीं एजेंसी ने ऐसे ही कुछ गैंगस्टरों के नाम भी सुरक्षा एजेंसियों को दिए हैं। इसके अलावा यह भी बताया गया है कि आतंकी संगठन और आईएसआई गैंगस्टरों से संपर्क में हैं और भारत में हमले की जिम्मेदारी उन्हें सौंप रहे हैं। एजेंसी  ने जिन गैंगस्टरों का नाम सौंपा है, उनमें से कुछ अभी फरार चल रहे हैं, जबकि कुछ जेल में हैं। 

सरकार के एक वरिष्ठ अफसर ने भी दावा किया है कि इसकी संभावना है कि आईएसआई स्थानीय गैंगस्टों से संपर्क करने की कोशिश कर रही हो, या कुछ से संपर्क कर लिया हो। 

नेताओं को निशाना बनाने का मिला था काम
खुफिया एजेंसी की पंजाब यूनिट ने कुछ दिन पहले ही अलर्ट जारी किया था कि आईएसआई और आतंकी संगठनों ने 5 गैंगस्टरों को नेताओं को निशाने पर लेना का काम किया था। इन 5  गैंगस्टरों में दो फरार हैं, उनकी तला जारी है। वहीं, तीन पंजाब के अलग अलग जेलों में बंद हैं। 

गैंगस्टरों पर पहले से दर्ज हैं ये मामले
इन गैंगस्टरों पर दर्जनों हत्या, लूट और नशे से संबंधित केस दर्ज हैं। ये अपना रैकेट जेल से भी चलाते हैं। स्थानीय पुलिस से इन गैंगस्टरों पर नजर रखने के लिए कहा गया है। 

स्लीपर सेल्स मारे गए या काम करने से किया इनकार
न्यूज एजेंसी ने एक अफसर के हवाले से बताया कि आईएसआई को यह रणनीति इसलिए बनानी पड़ी, क्योंकि हमले के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले स्लीपर सेल या तो मारे गए हैं, या सुरक्षाबलों की कार्रवाई के चलते डर कर उन्होंने काम करने से मना कर दिया। वहीं, स्थानीय गैंगस्टर हमलों को आसानी से अंजाम दे सकते हैं।

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