अंतरिक्ष में रॉकेट भेजने के लिए नए प्रोपल्शन सिस्टम पर काम कर रहा ISRO, सफल रहा हाइब्रिड मोटर का टेस्ट

Published : Sep 21, 2022, 04:20 PM ISTUpdated : Sep 21, 2022, 04:22 PM IST
अंतरिक्ष में रॉकेट भेजने के लिए नए प्रोपल्शन सिस्टम पर काम कर रहा ISRO, सफल रहा हाइब्रिड मोटर का टेस्ट

सार

इसरो अंतरिक्ष में रॉकेट भेजने के लिए नए प्रोपल्शन सिस्टम पर काम कर रहा है। इसके लिए नया हाइब्रिड मोटर बनाया है। इसमें ठोस इंधन के साथ लिक्विड ऑक्सीडाइजर का इस्तेमाल किया गया है।

बेंगलुरु। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अंतरिक्ष में रॉकेट भेजने के लिए नए प्रोपल्शन सिस्टम पर काम कर रहा है। इसके लिए इसरो ने नया हाइब्रिड मोटर बनाया है। इसका टेस्ट सफल रहा है। इससे आने वाले समय में रॉकेट में नए प्रोपल्शन सिस्टम के इस्तेमाल का रास्ता साफ हो गया है।

तमिलनाडु के महेंद्रगिरी में स्थित इसरो के प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स (आईपीआरसी) में मंगलवार को 30 kN हाइब्रिड मोटर का टेस्ट किया गया। टेस्ट इसरो के लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (LPSC) की मदद से पूरा किया गया। इसरो ने बताया कि टेस्ट सफल रहा। 

लिक्विड ऑक्सीडाइजर का हुआ इस्तेमाल
हाइड्रॉक्सिल-टर्मिनेटेड पॉलीब्यूटाडाइन (HTPB) को ईंधन के रूप में और तरल ऑक्सीजन (LOX) को ऑक्सीडाइजर के रूप में इस्तेमाल कर हाइब्रिड मोटर चलाया गया। रॉकेट मोटर में आमतौर पर ठोस इंधन और ठोस ऑक्सीडाइजर या फिर लिक्विड इंधन और लिक्विड ऑक्सीडाइजर का इस्तेमाल किया जाता है। हाइब्रिड मोटर में ठोस इंधन और लिक्विड ऑक्सीडाइजर का इस्तेमाल किया गया है।


यह भी पढ़ें- क्या है वक्फ बोर्ड, आखिर कैसे बना सेना और रेलवे के बाद देश में सबसे ज्यादा जमीन का मालिक?

15 सेकंड के लिए हुए टेस्ट
इसरो के कहा गया कि मंगलवार को 30 kN हाइब्रिड मोटर का टेस्ट किया गया। इस दौरान इग्निशन और लगातार इंधन जलाने का टेस्ट किया गया। टेस्ट 15 सेकंड तक चला। मोटर ने संतोषजनक प्रदर्शन किया। लिक्विड ऑक्सीडाइजर के इस्तेमाल से रॉकेट को जरूरत के अनुसार ताकत मिल सकेगी। इंजन में कितना लिक्विड ऑक्सीडाइजर डाला जाए इसे कंट्रोल किया जा सकता है। इसका इस्तेमाल अधिक सुरक्षित होता है। हाइब्रिड मोटर स्केलेबल और स्टैकेबल है।

यह भी पढ़ें- PM CARES Fund:ट्रस्टियों की मीटिंग में PM मोदी ने बताया इसे एक बड़ा विजन, एडवायजरी बोर्ड का गठन
 

PREV

Recommended Stories

गोवा नाइटक्लब फायर ट्रेजेडी: 25 मौतें, CM ने बैठाई मजिस्ट्रेटी जांच-खुलेंगे कई चाैंकाने वाले राज
गोवा नाइटक्लब आग: 23 मौतें, 50 घायल-क्या यह सिर्फ हादसा था या जानबूझकर अनदेखी?