
Jagdeep Dhankhar Resignation: संसद के मानसून सत्र के पहले ही दिन शाम को बड़ी खबर राजनैतिक गलियारे में सरगर्मी पैदा कर दी है। देश के 14वें उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने सोमवार को अचानक से अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) को भेजे पत्र में स्वास्थ्य कारणों और मेडिकल सलाह का हवाला देते हुए तत्काल प्रभाव से पद छोड़ने की बात कही। उपराष्ट्रपति का अभी दो साल का कार्यकाल बाकी था लेकिन अचानक से उन्होंने पद छोड़ने का ऐलान कर दिया। तीन साल के उन कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां जुड़ी हैं।
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पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे जगदीप धनखड़ को एनडीए समर्थित दलों ने प्रत्याशी बनाया था। कांग्रेस और समर्थक दलों ने मार्गरेट अल्वा को प्रत्याशी बनाया था। जगदीप धनखड़ ने अगस्त 2022 में हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में रिकॉर्ड वोट शेयर (74.37%) के साथ चुनाव जीता था। धनखड़ की यह जीत 1992 के बाद से सबसे बड़ी जीत मानी गई।
राज्यसभा के सभापति रहते हुए उन्होंने Nari Shakti Vandan Vidheyak Bill 2023 के दौरान महिलाओं को बराबर भागीदारी देने के लिए 17 महिला सदस्यों को उपसभापति पैनल में शामिल किया जो संसद में लैंगिक समानता (Gender Equality in Parliament) की दिशा में ऐतिहासिक कदम था।
जगदीप धनखड़ ने भारत का प्रतिनिधित्व ASEAN-India Commemorative Summit (2022), King Charles III के राजतिलक (2023), और ईरान में राष्ट्रपति ईब्राहीम रईसी की शोक सभा (2024) में किया।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने MILAN 2024 और Indo-Pacific Dialogue जैसे मंचों पर भारत के Maritime Security और Rules-Based Global Order को जोरदार तरीके से रखा। उन्होंने UN Convention on the Law of the Sea (UNCLOS) के पालन की वकालत की।
जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति रहते हुए AI, Quantum Computing, Green Hydrogen, 6G जैसे Emerging Technologies को भविष्य की दिशा बताया। साथ ही युवाओं को आत्म-केंद्रित सोच से ऊपर उठकर राष्ट्र निर्माण से जुड़ने का आह्वान किया।
400 मिलियन से अधिक बैंक खाते खुलवाने और 100 मिलियन किसानों को Direct Benefit Transfer (DBT) से जोड़ने जैसी योजनाओं को उन्होंने सामाजिक समानता का मजबूत आधार बताया। उन्होंने Digital India in Rural India को भारत की बड़ी उपलब्धि बताया।
जगदी धनखड़ ने कहा कि शिक्षा सबसे बड़ा Equaliser है और भारत को डिजिटल और समावेशी भविष्य की ओर ले जाने में उन्होंने जो योगदान दिया, वह उनके दिल के करीब रहेगा।