Vice president Jagadeep Dhankhar resigns: 74 वर्षीय उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मेडिकल सलाह के आधार पर तत्काल प्रभाव से अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे पत्र में उन्होंने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की बात कही।
Vice president Jagadeep Dhankhar resigns: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने इस्तीफा की वजह स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें बताई है। उन्होंने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दिया है। 74 वर्षीय धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu) को लिखे पत्र में कहा कि वह चिकित्सकीय सलाह के आधार पर यह निर्णय ले रहे हैं और अब अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना चाहते हैं। अपने इस्तीफे में उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सा सलाह का पालन करने के लिए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67 (ए) के अनुसार, तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूं।
उन्होंने राष्ट्रपति को उनके समर्थन और कार्यकाल के दौरान मिले सौहार्दपूर्ण रिश्ते के लिए धन्यवाद दिया। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मंत्रिपरिषद का आभार जताते हुए लिखा कि उनके सहयोग और समर्थन ने उन्हें बहुत कुछ सिखाया।
धनखड़ को मार्च में दिल से जुड़ी समस्या (Cardiac-related ailments) के कारण एम्स (AIIMS) में भर्ती कराया गया था। वहीं पिछले महीने कुमाऊं यूनिवर्सिटी के गोल्डन जुबली समारोह में वह मंच पर बेहोश हो गए थे, जिसके बाद से उनकी तबीयत को लेकर अटकलें शुरू हो गई थीं।

जुलाई 2022 में बने थे भारत के उपराष्ट्रपति
जगदीप धनखड़ जुलाई 2022 में भारत के 14वें उपराष्ट्रपति बने थे। धनखड़ ने 2022 में वेंकैया नायडू की जगह उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। उस चुनाव में उन्होंने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराया था। उनके कार्यकाल के अभी दो साल शेष थे, लेकिन स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए उन्होंने कार्यकाल बीच में ही समाप्त करने का निर्णय लिया।
मूल रूप से राजस्थान के झुंझुनूं जिले के किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले धनखड़ का राजनीतिक जीवन काफी लंबा और सक्रिय रहा है। उन्होंने राजस्थान यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और फिर एलएलबी की पढ़ाई की थी। वकालत के साथ उन्होंने राजनीति में भी कदम रखा। वह सुप्रीम कोर्ट के विख्यात वकील रहे हैं।
धनखड़ झुंझुनूं के रहे सांसद
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, 1989 से 1991 तक झुंझुनूं से लोकसभा सांसद रहे और उस दौरान वीपी सिंह और चंद्रशेखर की सरकारों में केंद्रीय मंत्री भी बने। इसके बाद 2019 में उन्हें पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया गया। उनके कार्यकाल के दौरान बंगाल में कई संवेदनशील मुद्दों को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच टकराव की स्थिति बनी रही जिसमें धनखड़ की भूमिका चर्चा में रही।
