प्रदर्शन के दौरान जामिया के छात्रों को चाय समोसा बांट रहा यह शख्स, कहा, मेरे विरोध का यही तरीका

जामिया में रविवार (15 दिसंबर) को प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के दौरान लाठी चार्ज, पत्थरबाजी और आंसू गैस के गोलों की तस्वीर सबने देखी। लेकिन इन तस्वीरों के बीच एक सिख व्यक्ति भी था, जिसे कम ही लोगों ने देखा। वह जबरजन सिंह हैं।

Asianet News Hindi | Published : Dec 17, 2019 6:49 AM IST / Updated: Dec 17 2019, 12:34 PM IST

नई दिल्ली. जामिया में रविवार (15 दिसंबर) को प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के दौरान लाठी चार्ज, पत्थरबाजी और आंसू गैस के गोलों की तस्वीर सबने देखी। लेकिन इन तस्वीरों के बीच एक सिख व्यक्ति भी था, जिसे कम ही लोगों ने देखा। वह जबरजन सिंह हैं। 

छात्रों को चाय और समोसा बांट रहे थे
जब जामिया के छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, जब जबरजन सिंह छात्रों को चाय और समोसा बांटकर उनका समर्थन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दिल्ली यूनिवर्सिटी का प्रोटेस्ट गलत है सरकार को ऐसा मौका ही नहीं देना चाहिए था। सरकार को ऐसा काला कानून ही नहीं लाना चाहिए था, जिसकी वजह से स्टूडेंट्स को अपनी पढ़ाई छोड़कर सड़क पर आना पड़ा।

"भूखे का कोई धर्म नहीं होता"
- मीडिया से बात करते हुए जबरजन सिंह ने कहा कि भूखे का कोई धर्म नहीं होता है। इस धर्म में मत बांटिए। सभी धर्मों के लोग इस प्रोटेस्ट में साथ दें। हमारा साथ दें। यह नहीं होना चाहिए कि आप हमारे देश में आए हो और हम आपसे आपका धर्म पूछें। यह सही नहीं है।
- आप खतरे में हो, आप हमारे पास आए हो और हम आपसे आपका धर्म पूछे। हम अपनी जान की सेवा करने के लिए आए हैं। इसके लिए हम अपनी जान तक दे देंगे। यह काला कानून ही नहीं लाना चाहिए था।

जामिया में क्या हुआ था?  
नागरिकता कानून के खिलाफ 15 दिसंबर को जामिया के छात्र प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दौरान अचानक उपद्रव शुरू हुआ, जिसके बाद पुलिस ने लाठी चार्ज शुरू कर दिया। आरोप है कि पुलिस ने जामिया की लाइब्रेरी और हॉस्टल में घुसकर बच्चों को मारा। उन्हें गेट से बाहर खींचकर लाठियां बरसाईं। इस दौरान 4 बसों में आग लगाई गई। 100 से ज्यादा लोग घायल हुए। 

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