फैसलाः अब जम्मू-कश्मीर में दूसरे राज्य के नागरिक खरीद सकेंगे घर-फैक्ट्री और दुकान के लिए जमीन

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में अब देश का कोई भी नागरिक जमीन खरीद सकता है और वहां पर स्थायी तौर पर बस भी सकता है। गृह मंत्रालय ने मंगलवार को इसके संबंधित एक नया नोटिफिकेशन जारी किया है। हालांकि, अभी खेती की जमीन को लेकर अस्थायी रोक जारी रहेगी। राज्य के पूर्व सीएम और नेशनल कान्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा है कि 'अब जम्मू-कश्मीर बिक्री के लिए तैयार है।'

Asianet News Hindi | Published : Oct 27, 2020 9:30 AM IST / Updated: Oct 27 2020, 05:06 PM IST

नई दिल्ली. केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में अब देश का कोई भी नागरिक जमीन खरीद सकता है और वहां पर स्थायी तौर पर बस भी सकता है। गृह मंत्रालय ने मंगलवार को इसके संबंधित एक नया नोटिफिकेशन जारी किया है। हालांकि, अभी खेती की जमीन को लेकर अस्थायी रोक जारी रहेगी। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के मुताबिक, 'हम चाहते हैं कि बाहर की इंडस्ट्री जम्मू-कश्मीर में लगें, इसलिए इंडस्ट्रियल लैंड में इन्वेस्ट की जरूरत है। उन्होंने कहा कि खेती की जमीन सिर्फ राज्य के लोगों के लिए ही रहेगी।

हालांकि इसपर भी अब सियासी बयानबाजी तेज हो गईं हैं। राज्य के पूर्व सीएम और नेशनल कान्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि 'जमीन के मालिकाना हक के कानून में जो बदलाव किए गए हैं, उसे स्वीकारा नहीं जा सकता है। अब जम्मू-कश्मीर बिक्री के लिए तैयार है।'

जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के तहत मंत्रालय ने लिया फैसला

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ये फैसला जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के तहत लिया है, जिसके तहत कोई भी भारतीय अब जम्मू-कश्मीर में फैक्ट्री, घर या दुकान के लिए जमीन खरीद या बेच सकता है। मंत्रालय ने यह सप्षट किया कि इसके लिए किसी तरह के स्थानीय निवासी होने का सबूत देने की भी जरूरत नहीं होगी।

उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार को घेरा

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कान्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन को लेकर केंद्र सरकार को घेरा है। उमर ने अपने ट्वीट में लिखा कि जम्मू-कश्मीर में जमीन के मालिकाना हक के कानून में जो बदलाव किए गए हैं, वो स्वीकार करने लायक नहीं हैं। अब तो बिना खेती वाली जमीन के लिए स्थानीयता का सबूत भी नहीं देना है। अब जम्मू-कश्मीर बिक्री के लिए तैयार है, जो गरीब जमीन का मालिक है अब उसे और मुश्किलें होंगी।

पहले दूसरे राज्य के लोग नहीं खरीद सकते थे राज्य में जमीन

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर को पिछले साल ही अनुच्छेद 370 से मुक्त किया गया है, उसके बाद 31 अक्टूबर 2019 को जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश बन गया था। अब केंद्र शासित प्रदेश होने के एक साल पूरे होने पर जमीन के कानून में बदलाव किया गया है। बता दें कि इससे पहले इस कानून के तहत जम्मू-कश्मीर में सिर्फ वहां के निवासी ही जमीन को खरीद या बेच सकते थे। लेकिन अब बाहर से जाने वाले लोग भी जमीन खरीदकर वहां स्थायी तौर पर रह सकते हैं और अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।

Share this article
click me!