
Railway advisory Jammu Kashmir: जम्मू संभाग में सोमवार से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने दशकों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। हालात इतने बिगड़ गए हैं कि रेलवे ने 22 ट्रेनों को रद्द कर दिया और 27 को रास्ते में ही रोकना पड़ा। भारी बारिश ने न सिर्फ बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बढ़ा दिया है, बल्कि पुलों और सड़कों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया है। अब सवाल उठता है कि क्या जम्मू फिर से आपदा के मुहाने पर है?
मौसम विभाग के अनुसार, जम्मू क्षेत्र में 24 घंटे से भी कम समय में 250 मिमी से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है, जो दशकों में पहली बार है। लगातार हो रही बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं। कई इलाकों में भूस्खलन और फ्लैश फ्लड ने लोगों का जनजीवन ठप कर दिया है। हजारों लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित ठिकानों पर जाने को मजबूर हो गए हैं।
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उत्तर रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी के अनुसार, सुरक्षा कारणों से मंगलवार को जम्मू और कटरा स्टेशनों से जुड़ी 22 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। इसके अलावा 27 ट्रेनों को फिरोजपुर, मांडा, चक रखवालान और पठानकोट जैसे स्टेशनों पर बीच में रोक दिया गया।
भारी बारिश ने न सिर्फ रेल यातायात को प्रभावित किया है, बल्कि कई महत्वपूर्ण पुल और सड़कें बह गई हैं। चक्की नदी में अचानक आई बाढ़ और मिट्टी के कटाव ने पठानकोट से हिमाचल प्रदेश के कंदरोरी तक की रेल सेवाएं रोक दी हैं। अब सवाल यह है कि क्या हालात और बिगड़ सकते हैं?
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की अचानक और भारी बारिश क्लाइमेट चेंज (Climate Change) का संकेत हो सकती है। जम्मू और आसपास के क्षेत्रों में पिछले कुछ सालों में मौसम का मिजाज लगातार बदलता दिख रहा है।
रेलवे प्रशासन ने यात्रियों को यात्रा स्थगित करने और आधिकारिक नोटिस पर नजर रखने की सलाह दी है। फिलहाल कटरा-श्रीनगर रेलखंड पर सेवाएं चालू हैं, लेकिन अगर बारिश नहीं रुकी तो वहां भी हालात बिगड़ सकते हैं।
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