जम्मू-कश्मीर में एंटी टेरर आपरेशन: आतंकियों से मुठभेड़ में तीन जवान घायल, आतंकवादी भी गोलीबारी में छूटा

पुलिस के अनुसार, वे भाटा दुरियां इलाके में एक आतंकवादी ठिकाने के पास पहुंच रहे थे, तभी वहां छिपे आतंकवादियों ने उन पर गोलियां चला दीं। पुलिस ने कहा कि भारी गोलीबारी के कारण आतंकवादी जिया मुस्तफा को नहीं निकाला जा सका।

Asianet News Hindi | Published : Oct 24, 2021 6:32 AM IST

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में आतंकियों के खिलाफ सुरक्षा बलों का एंटी टेरर आपरेशन (Anti-Terror Operation) 14वें दिन भी जारी है। एंटी टेरर आपरेशन के दौरान पुंछ जिले में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में दो पुलिसकर्मी और एक जवान घायल हो गए हैं। इस गोलाबारी में पुलिस हिरासत में भेजे जा रहे एक आतंकवादी को भी सुरक्षा बल नहीं निकाल सके। बताया जा रहा है कि वह मुठभेड़ में घायल हो गया था।

रविवार को हुआ सुरक्षा बलों और आतंकियों में एनकाउंटर

अधिकारियों ने बताया कि पुंछ जिले में रविवार सुबह एक जंगल के अंदर सेना और पुलिस के संयुक्त तलाश दल पर आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी के बाद पुंछ में मुठभेड़ शुरू हो गई।

पुलिस के अनुसार, वे भाटा दुरियां इलाके में एक आतंकवादी ठिकाने के पास पहुंच रहे थे, तभी वहां छिपे आतंकवादियों ने उन पर गोलियां चला दीं। पुलिस ने कहा कि भारी गोलीबारी के कारण आतंकवादी जिया मुस्तफा को नहीं निकाला जा सका।

जिया मुस्तफा कोट बलवाल जेल में था बंद

जिया कई वर्षों तक कोट बलवाल जेल में बंद रहा और शुक्रवार को पुलिस ने उसे 10 दिन के रिमांड पर लिया था। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की रहने वाले जिया ने 15 साल पहले घुसपैठ की थी और वह जम्मू की कोट बलवाल जेल में बंद था। वह जेल से ही आतंकियों के संपर्क में रहा था।

जिया को पुंछ में मेंढर ले जाया जा रहा था ताकि यह पता लगाया जा सके कि पुंछ मुठभेड़ में शामिल आतंकवादियों ने किस रास्ते का इस्तेमाल किया होगा।

आतंकी हमले में 9 सैनिकों की मौत हो चुकी

सेना पिछले 14 दिनों से क्षेत्र में सबसे लंबे और सबसे कठिन आतंकवाद विरोधी अभियान में में लगी हुई है। आतंकी हमले में इस दौरान दो अधिकारियों समेत नौ जवानों की मौत हो चुकी है। 

वन क्षेत्रों में आतंकवाद विरोधी अभियान 11 अक्टूबर को शुरू हुआ था। इस अभियान के दौरान पहले से घात लगाए आतंकवादियों ने हमला किया जिसमें पुंछ में एक जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) सहित पांच सैनिकों की मौत हो गई। उसी दिन पास के थानामंडी में एक और मुठभेड़ हुई।

अधिकारियों ने कहा कि नियंत्रण रेखा (एलओसी) से 20 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर जंगल क्षेत्र में मार्चिंग सैनिकों की सहायता के लिए ड्रोन और हेलीकॉप्टरों को सेवा में लगाया गया था, जिसमें पैरा-कमांडो शामिल थे। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने दो महिलाओं समेत 10 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। 

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