आतंकी हताश होकर लक्षित हत्याएं कर रहे, अब आतंक रूपी मोमबत्ती बुझने वाली है: मनोज सिन्हा

Targetted killings in Valley जम्मू-कश्मीर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने लक्षित हत्याओं को आतंकवादियों की हताशा का परिणाम बताया। 
 

Dheerendra Gopal | Published : Jun 11, 2022 12:26 PM IST

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) ने कहा कि घाटी में लक्षित हत्याएं सुरक्षा बलों को उकसाने के लिए आतंकवादी कर रहे हैं। हताश आतंकी यह चाहते हैं कि सुरक्षा बल कोई गलती करें और उनको मौका मिल जाए स्थानीय लोगों को उकसाकर वह घाटी को विरोध प्रदर्शनों व अन्य हथकंड़ों से अशांत कर सकें। 

उप राज्यपाल सिन्हा (Lieutenant Governor) शनिवार को दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले (Kulgham)में एक समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि निर्दोष लोगों की लक्षित हत्याएं हुई हैं। मेरा मानना ​​है कि समाज को इसकी निंदा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों को शिक्षा देने वाली एक महिला शिक्षिका की हत्या कर दी जाती है, अगर समाज इसकी निंदा नहीं करता है, तो मुझे लगता है कि हम अपने कर्तव्यों से दूर हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हत्याएं हताशा में की गई हैं। ये हताशा के कार्य हैं। जम्मू-कश्मीर प्रशासन 'गुनहगार को छोड़ो मत, और बेंगाह को छेड़ो मत' की नीति पर चलता है। उन्होंने कहा कि इस उम्मीद में जानबूझकर हत्याएं की जा रही हैं कि पुलिस और सुरक्षा बल गलती करें। किसी एक निर्दोष व्यक्ति की हत्या हो जाए और लोग विरोध करने के लिए सड़कों पर उतरें। सिन्हा ने कहा कि प्रशासन ऐसा नहीं होने देगा। उन्होंने कहा कि पुलिस, सुरक्षा बलों या जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा किसी निर्दोष व्यक्ति के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।

मोमबत्ती जब बुझने वाली होती तो लौ तेज हो जाती

मनोज सिन्हा ने कहा कि आतंकवाद अपने अंतिम चरण में है और जब मोमबत्ती जलने वाली होती है, तो उसकी लौ तेज हो जाती है। उपराज्यपाल ने कहा कि आतंकवाद की उस मोमबत्ती की तरह तेज है क्योंकि पुलिस और सुरक्षा बलों ने उनके चारों ओर फंदा कस लिया है, हमारा प्रयास यहां के लोगों को आतंकवाद से छुटकारा दिलाना है। उन्होंने कहा कि प्रगति और विकास का मार्ग शांति से होकर जाता है।
लोगों से इस तरह के हमलों की निंदा करने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि समय आ गया है कि लोग आगे आएं और आतंकवाद को खत्म करने के अपने अभियान में पुलिस और सुरक्षा बलों का समर्थन करें।

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