पुलिस (Delhi Police) ने बताया कि जेएनयू के अंदर एक छात्रा के साथ छेड़छाड़ के संबंध में एक पीसीआर कॉल वसंत कुंज उत्तर पुलिस स्टेशन में मंगलवार सुबह करीब 12.45 बजे प्राप्त हुई थी। पुलिस उपायुक्त (दक्षिण पश्चिम) गौरव शर्मा एसएचओ वसंत कुंज उत्तर force के साथ मौके पर पहुंचे।
नई दिल्ली। जेएनयू (JNU) कैंपस में एक छात्रा केसाथ सोमवार की आधी रात में छेड़छाड़ की कोशिश की गई। छात्रा पीएचडी कर रही है। परिसर में घूमने के दौरान कथित तौर पर छेड़छाड़ की गई जिसका छात्रा ने विरोध किया। छेड़छाड़ की इस घटना के बाद कैंपस में सुरक्षा को लेकर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं। पुलिस ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है और आरोपी को पकड़ने के लिए कई टीमें काम कर रही हैं।
क्या कहा पुलिस ने?
पुलिस (Delhi Police) ने बताया कि जेएनयू के अंदर एक छात्रा के साथ छेड़छाड़ के संबंध में एक पीसीआर कॉल वसंत कुंज उत्तर पुलिस स्टेशन में मंगलवार सुबह करीब 12.45 बजे प्राप्त हुई थी। पुलिस उपायुक्त (दक्षिण पश्चिम) गौरव शर्मा, एसएचओ वसंत कुंज उत्तर, Force के साथ मौके पर पहुंचे।
पुलिस ने बताया कि सोमवार की रात करीब 11.45 बजे एक पीएचडी की छात्रा कैंपस में टहल रही थी। जब वह यूनिवर्सिटी के ईस्ट गेट रोड के पास टहल रही थी, तभी कैंपस के अंदर से एक शख्स बाइक पर सवार होकर आया। उसके साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की। लड़की ने शोर मचाया तो आरोपी भाग गया।
दिल्ली पुलिस ने बाद में ट्वीट किया कि घटना की गंभीरता और संवेदनशीलता को देखते हुए डीसीपी गौरव शर्मा के नेतृत्व में एसडब्ल्यूडी पुलिस टीम ने तुरंत कार्रवाई की और तुरंत संज्ञान लिया गया। बयान में कहा गया है कि एफआईआर नंबर 42/22 यू/एस 354ए/354बी/323/341/379 आईपीसी वसंत कुंज नॉर्थ में दर्ज किया गया है और जांच जारी है। तब से कई टीमें आरोपी को पकड़ने के लिए काम कर रही हैं।
मंगलवार को स्टूडेंट्स ने किया विरोध प्रदर्शन
छेड़छाड़ पीड़िता को इंसाफ दिलाने की मांग को लेकर तख्तियां लिए सैकड़ों छात्रों ने मंगलवार को इस घटना का विरोध किया। प्रदर्शनकारियों के अनुसार, उन्होंने पुलिस को गिरफ्तारी करने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है अन्यथा वे अपना आंदोलन तेज कर देंगे।
उन्होंने दावा किया कि पूर्वी गेट के पास चलने के दौरान आरोपी ने पीड़िता को घेर लिया, उसे घसीटा और उसके साथ बलात्कार करने की कोशिश की। जब उसने विरोध किया तो वह उसका मोबाइल छीन कर फरार हो गया। एक छात्रा ने बताया कि उसके ऊपर चोट के निशान हैं और वह अभी भी सदमे में है। पुलिस ने उसे 25 से 30 संदिग्धों की तस्वीरें दिखाई थीं, लेकिन उसने कहा है कि वे इसमें शामिल नहीं थे। वह कहती है कि वह उसकी पहचान कर सकेगी।
स्टूडेंट यूनियन ने कहा कि छात्रावास और कैंपस में उत्पीड़न के मामलों में खतरनाक वृद्धि हो रही है। यहां सेक्सिस्ट टिप्पणियों के सामान्यीकरण के साथ जेंडर असंवेदनशीलता में वृद्धि हुई है। छात्र संघ ने इस मुद्दे पर चुप रहने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन की भी आलोचना की। जेएनयूएसयू ने कहा, "इस मामले पर विश्वविद्यालय की ओर से कोई बयान नहीं आया है।"
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