JNU हिंसाः दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार,फेसबुक, वॉट्सएप, एपल और गूगल को जारी किया नोटिस, मांगा यह जवाब

जेएनयू में हुई हिंसा पर दिल्ली हाईकोर्ट ने आज यानी सोमवार को सुनवाई की। जिसमें कोर्ट ने पुलिस, दिल्ली सरकार, वॉट्सएप, एपल और गूगल से कल यानी मंगलवार दोपहर 3 बजे तक जवाब मांगा है। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 13, 2020 7:35 AM IST

नई दिल्ली. जेएनयू में हुई हिंसा पर दिल्ली हाईकोर्ट ने आज यानी सोमवार को सुनवाई की। जिसमें तीन प्रोफेसरों ने हाईकोर्ट से अपील की थी कि वह हिंसा के सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने के निर्देश दे। इस पर कोर्ट ने पुलिस, दिल्ली सरकार, वॉट्सएप, एपल और गूगल से कल यानी मंगलवार दोपहर 3 बजे तक जवाब मांगा है। सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा कि उसे अब तक जेएनयू प्रशासन से हिंसा की फुटेज सुरक्षित रखने पर जवाब नहीं मिला है। पुलिस ने यह भी बताया कि उसने वॉट्सएप को उन दो ग्रुप्स का डेटा सुरक्षित रखने के लिए कहा है, जिनमें हिंसा की साजिश से जुड़े मैसेज चले।

आज से शुरू हुईं क्लास 

जेएनयू में 5 जनवरी को हुई हिंसा के एक हफ्ते के बाद सोमवार से क्लासेस शुरू हुईं। हालांकि, छात्रसंघ हॉस्टल फीस वृद्धि और छात्रों के निलंबन के विरोध में प्रदर्शन जारी रखेगा। छात्रों की सुविधा के लिए सेमेस्टर रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख 15 जनवरी तक बढ़ा दी गई है। छात्र लेट फीस दिए बिना रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार ने रविवार को कहा कि रविवार शाम तक 4,000 से ज्यादा रजिस्ट्रेशन हो चुके थे। 

छात्रा की पहचान हुई

हिंसा में शामिल दो नकाबपोश लोगों के साथ नजर आई महिला की पहचान दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्रा के रूप में कर ली गई है। हिंसा की जांच कर रही एसआईटी टीम सोमवार को छात्रा को नोटिस भेजेगी। साथ ही उसे जांच में शामिल होने और दो नकाबपोशों की पहचान करने के लिए कहेगी। गौरतलब है कि जांच में जुटी पुलिस ने पहचाने गए आरोपियों की तस्वीरें जारी की थी। इसके साथ ही अब तक 36 आरोपियों की पहचान की जा चुकी है। 

बढ़ी हुई फीस का भुगतान यूजीसी करेगा

हिंसा की घटना के बाद बीते शुक्रवार को छात्रसंघ के नेताओं और कुलपति के बीच बैठक हुई थी। इसमें फैसला लिया गया कि अगले सेमेस्टर के लिए बढ़ी हुई फीस नहीं ली जाएगी। बढ़ी हुई फीस का भुगतान यूजीसी करेगा। अमित खरे ने शुक्रवार को छात्रों से हड़ताल खत्म कर कक्षाओं में लौटने का आग्रह किया था। जगदीश कुमार ने रविवार को कहा कि हॉस्टल की फीस बढ़ोतरी का फैसला जल्दबाजी में नहीं लिया गया था। इसके लिए 2016 में समिति का गठन किया गया था।

रजिस्ट्रेशन के दौरान हुई थी हिंसा 

जेएनयू में फीस बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान 5 जनवरी को हिंसा हुई थी। नकाबपोशों ने छात्र-शिक्षकों को डंडे और लोहे की रॉड से बुरी तरह पीटा। वे ढाई घंटे तक कैंपस में कोहराम मचाते रहे। हमले में छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत कई घायल हो गए। आइशी ने एबीवीपी पर हमले का आरोप लगाया और कहा कि नकाबपोश गुंडों ने मुझे बुरी तरह पीटा। करीब 20 लोग जख्मी हुए थे।

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