कांग्रेस के बड़े नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सोनिया गांधी को लिखा, डियर मिसेज गांधी, 18 साल से कांग्रेस का सदस्य होने के बाद यह समय अब मेरे लिए आगे बढ़ने का है। मैं कांग्रेस की अपनी प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं।
नई दिल्ली. कांग्रेस के बड़े नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सोनिया गांधी को लिखा, डियर मिसेज गांधी, 18 साल से कांग्रेस का सदस्य होने के बाद यह समय अब मेरे लिए आगे बढ़ने का है। मैं कांग्रेस की अपनी प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं। मैं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं और जैसा कि आपको अच्छी तरह पता है कि पिछले एक साल से यह मार्ग प्रशस्त किया गया है। आज भी मैं अपने राज्य और देश के लोगों की रक्षा करने के अपने लक्ष्य और उद्देश्य पर अडिग हूं।
"मैं कांग्रेस में रहकर काम करने में सक्षम नहीं हूं"
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने इस्तीफे में लिखा, मैं आगे इस पार्टी में रहकर काम करने में सक्षम नहीं हूं। अपने लोगों और अपने कार्यकर्ताओं की भावनाओं का ध्यान रखते हुए मुझे लगता है कि यह सबसे अच्छा होगा कि मैं आगे की ओर देखूं।एक नई शुरुआत करूं। मुझे देश सेवा के लिए एक मंच प्रदान करने के लिए मैं आपको बहुत धन्यवाद देता हूं और आपके माध्यम से कांग्रेस पार्टी के मेरे साथियों को भी धन्यवाद देता हूं।
मध्य प्रदेश में गिर जाएगी कमलनाथ सरकार?
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के 19 विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे के बाद कांग्रेस सांसद और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी से निकाल दिया गया है। हमारे पास कोई दूसरा रास्ता नहीं था, पार्टी से गद्दारी करने वाले के साथ तो ऐसा ही करना पड़ेगा। पार्टी को बड़ा नुकसान हुआ। पार्टी की हालत हमेशा एक समान नहीं होती। उतार-चढ़ाव तो लगा रहता है। बुरे वक्त में पार्टी का साथ छोड़ना सही नहीं है। मध्य प्रदेश में शायद अब हमारी सरकार नहीं रहेगी।
- सिंधिया के इस्तीफे पर तहसीन पूनावाला ने कहा, मुझे भरोसा है कि मध्य प्रदेश का सियासी संकट जल्द खत्म होगा और कमलनाथ जी मुख्यमंत्री बने रहेंगे। सिंधिया जी ने कांग्रेस छोड़ दी है। उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं। भारत के लिए सबसे जरूरी चीज है मोदीजी और शाहजी का हारना।
- प्रशांत किशोर ने लिखा, उन लोगों के लिए हैरान हूं जिन्हें कांग्रेस से जुड़े गांधी परिवार के सरनेम पर आपत्ति होती थी। वही लोग आज सिंधिया के पार्टी छोड़ने को बड़ा झटका बता रहे हैं। लेकिन, सच्चाई ये है कि सिंधिया जननेता और प्रशासक के तौर पर बहुत बड़े नहीं हैं।
- अरुण यादव ने कहा, ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा अपनाए गए चरित्र को लेकर मुझे जरा भी अफसोस नहीं है। सिंधिया खानदान ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी जिस अंग्रेज हुकूमत और उनका साथ देने वाली विचारधारा की पंक्ति में खड़े होकर उनकी मदद की थी। आज ज्योतिरादित्य ने उसी घिनौनी विचारधारा के साथ एक बार पुनः खड़े होकर अपने पूर्वजों को सलामी दी है।
लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया को क्या फायदा होगा?
कांग्रेस छोड़ने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया के पास दो विकल्प हैं, जो भाजपा उन्हें ऑफर कर सकती है। पहला कि उन्हें राज्यसभा की सीट मिल जाए और केंद्र में मंत्री पद मिल जाए। दूसरा विकल्प है कि मध्य प्रदेश में बड़ी जिम्मेदारी या फिर डिप्टी सीएम का पद मिल जाए।
सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ी या निकाल दिए गए?
दरअसल सिंधिया ने एक लेटर मंगलवार को ट्वीट किया। लेटर उनके इस्तीफे का था, जिसमें 9 मार्च की तारीख थी। इस्तीफे में सिंधिया ने कहा, 18 साल तक कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता के बाद अब वक्त नई राह का है। मैं अपनी कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं। वहीं कांग्रेस का दावा है कि सिंधिया को पार्टी से निकाला गया है। सिंधिया को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों की वजह से बर्खास्त किया।