सरकारी वकील होने के बाद भी परासरन के बेटे ने केस छोड़ कहा था, रामसेतु पर पड़े थे श्री राम के कदम

अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को रामलला के पक्ष में फैसला सुनाया। रामलला विराजमान की ओर से 92 साल के वकील के परासरन ने केस लड़ा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 92 साल के परासरन काफी चर्चा में हैं।

नई दिल्ली. अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को रामलला के पक्ष में फैसला सुनाया। रामलला विराजमान की ओर से 92 साल के वकील के परासरन ने केस लड़ा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 92 साल के परासरन काफी चर्चा में हैं। के परासरन की चार पीढ़ियां वकालत से जुड़ी हैं। परासरन के पिता, तीनों बेटे और उनके नाती भी इसी पेशे से जुड़े हैं।

परासरन के बड़े मोहन परासरन हैं। वे यूपीए 2 सरकार में सॉलिसिटर जनरल रहे हैं। जहां एक ओर रामलला के लिए के परासरन ने केस लड़ा, वहीं दूसरी ओर मोहन ने राम सेतु के लिए सरकार की पैरवी करने से मना कर दिया था।  

Latest Videos

क्यों छोड़ा था केस? 
मामला 2013 का है। उस वक्त यूपीए सरकार सेतुसमुद्रम प्रोजेक्ट शुरू करना चाहती थी। इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं लगाई गई थीं। देश के सॉलिसिटर जनरल होने के बावजूद मोहन ने खुद को केस से अलग कर लिया था। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा था कि वह मानते हैं कि रामसेतु पर भगवान राम के कदम पड़े थे, इसलिए सरकार की पैरवी नहीं कर सकते। 

उन्होंने कहा था, '' संविधान मुझे अलग राय रखने की इजाजत देता है। इसके अलावा मेरे पिता प्रोजेक्ट के खिलाफ केस लड़ रहे हैं। इसलिए हितों के टकराव की स्थिति नहीं चाहते। सेतु के अस्तित्व को नासा भी मान चुका है।

Share this article
click me!

Latest Videos

क्या आप अच्छे स्टूडेंट थे? MODI की स्कूलिंग लाइफ की कहानी, क्यों PM के गांव वडनगर गए चीनी राष्ट्रपति
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का क्या करने का मन अभी भी करता है...
PM मोदी ने तोड़ा मिनिमम गवर्नमेंट-मैक्सिमम गर्वनेंस का सबसे बड़ा MYTH
कंफॉर्ट के लिए क्यों अनफिट हैं मोदी? PM ने बताया- कैसे फेल हो सकती है लाइफ की गाड़ी का ब्रेक
पैसा vs पॉलिटिक्सः PM मोदी ने बचपन की एक घटना से दिया इस सवाल का करारा जवाब