हत्यारों ने पहले दही बड़ा खाया, आधे घंटे साथ बैठकर चाय पी, फिर गोली मार दी, गला भी रेता

Published : Oct 18, 2019, 06:53 PM ISTUpdated : Oct 18, 2019, 07:05 PM IST
हत्यारों ने पहले दही बड़ा खाया, आधे घंटे साथ बैठकर चाय पी, फिर गोली मार दी, गला भी रेता

सार

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या कर दी है। हत्यारों ने कमलेश तिवारी के ऑफिस में घुसकर उनका गला रेता फिर गोली भी मारी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कमलेश तिवारी से मिलने के लिए दो लोग उनके ऑफिस आए थे।  

नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या कर दी है। हत्यारों ने कमलेश तिवारी के ऑफिस में घुसकर उनका गला रेता फिर गोली भी मारी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कमलेश तिवारी से मिलने के लिए दो लोग उनके ऑफिस आए थे। उन्होंने ही हत्या की। चश्मदीद ने बताया कि दोनों आरोपियों ने पहले कमलेश तिवारी से बातचीत की। चाय पी और फिर हत्या कर दी।

दही बड़ा खाया, चाय पी : चश्मदीद
कमलेश तिवारी के ऑफिस में काम करने वाले सौराष्ट्र सिंह ने बताया, "कमलेश तिवारी जी को वो लोग 10 मिनट पहले फोन किए थे। बातचीत हुई। फिर वो लोग आए। सुरक्षा में जो सिपाही तैनात था वो सो रहा था। इसलिए दोनों आरोपी सीधे ऊपर आ गए। इसके बाद कमलेश तिवारी अंदर से बाहर उन लोगों से बातचीत करने आए। आधे घंटे बातचीत हुई। मैंने उनके लिए दही-बड़ा बनाया। तीनों लोगों ने दही-बड़ा खाया। चाय बनाकर पिलाया। 

आरोपियों ने सिगरेट लाने के लिए कहा : चश्मदीद
सौराष्ट्र सिंह ने बताया, "किसी मुस्लिम लड़की की हिंदू लड़के से शादी की बात चल रही थी। फिर गुंडे मुझे 100 का नोट दिए और कहा कि सिगरेट लेकर आओ। मैं चला गया। दो मिनट में वापस आ गया। फिर तिवारी जी बोले, जाओ मसाला लेकर आओ। मैं गया मसाला लाने। जब मैं वापस आया तो देखा कि दोनों आदमी गायब थे। टेबल के नीचे तिवारी जी पड़े हुए थे। मैंने इधर-उधर देखा तो कहीं कोई नहीं।" 

100 नंबर पर फोन किया, लेकिन नहीं लगा
सौराष्ट्र सिंह ने हत्या के बाद पुलिस को भी फोन किया। उन्होंने बताया कि चारों तरफ खून देखकर मैंने 100 नंबर पर पुलिस को फोन किया, लेकिन फोन ही नहीं लग रहा था। वहां दो कैमरे लगे थे, वह भी काम नहीं करते हैं। तिवारी जी बार बार फोर्स बढ़ाने की मांग करते थे। दो लोग थे, एक भगवा कपड़ा पहना था एक सादा कपड़ा। मैं उन्हें जानता नहीं हूं, लेकिन सामने आएंगे तो चेहरा पहचान लूंगा। वो दोनों पहली बार मिलने के लिए आए थे।

PREV

Recommended Stories

'ये अयोध्या नहीं जो बाबरी को कोई हाथ लगा दे', हुमायूं कबीर ने फिर उगला जहर
हिजाब विवाद: Giriraj Singh और Mehbooba Mufti में सियासी जंग!