आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी, फैसला बाद में

ईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को जमानत देने से इंकार करने के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ कांग्रेस नेता की अपील पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गयी। इस मामले मे फैसला बाद में सुनाया जायेगा।
 

नई दिल्ली(New Delhi). आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को जमानत देने से इंकार करने के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ कांग्रेस नेता की अपील पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गयी। इस मामले मे फैसला बाद में सुनाया जायेगा।

जस्टिस आर भानुमति की अध्यक्षता वाली पीठ ने शुक्रवार को केन्द्रीय जांच ब्यूरो और चिदंबरम की ओर से दलीलें सुनने के बाद कहा कि इस पर फैसला बाद में सुनाया जायेगा। इस बीच सीबीआई ने पीठ को सूचित किया कि इस मामले में पी चिदंबरम, उनके पुत्र कार्ति और कुछ कंपनियों सहित 15 आरोपियों के खिलाफ दिल्ली की अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है।

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सीबीआई की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने चिदंबरम की जमानत याचिका का विरोध करते हुये कहा कि देश को अब भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच में चिदंबरम के खिलाफ जालसाजी का अपराध भी बना है।

सालिसीटर जनरल ने कहा कि इस मामले में आगे जांच चल रही है और सिंगापुर तथा मॉरीशस को भेजे गये अनुरोध पत्र पर जवाब की प्रतीक्षा है। मेहता ने कहा कि गवाहों को डराने के लिये चिदंबरम की ‘सिर्फ उपस्थिति’ ही काफी है। इसलिए उन्हें मुख्य गवाहों से पूछताछ पूरी होने तक जमानत नहीं दी जानी चाहिए।

मेहता ने पीठ से कहा,‘‘हम ऐसा वक्त देख रहे हैं, जिसमें आर्थिक अपराधों के आरोपी देश छोड़कर भाग रहे हैं। एक राष्ट्र के रूप में हम इस समस्या का सामना कर रहे हैं।’’

चिदंबरम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने मेहता के कथन का प्रतिवाद किया और कहा कि इस पूर्व मंत्री द्वारा साक्ष्यों से छेड़छाड़ करने या गवाहों को प्रभावित करने की जांच एजेन्सी की आशंका गलत और निराधार है।

यह था मामला 
सीबीआई ने 74 वर्षीय चिदंबरम को 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था। वह इस समय भ्रष्टाचार के मामले में न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं।

वित्त मंत्री के रूप में पी चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 मे विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड द्वारा आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रूपए के विदेशी निवेश की मंजूरी देने में हुये कथित अनियमित्ताओं के संबंध में सीबीआई ने 15 मई, 2017 को प्राथमिकी दर्ज की थी। इसके बाद, प्रवर्तन निदेशालय ने भी धन शोधन के आरोप में एक मामला दर्ज किया था।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने दिल्ली हाई कोर्ट के 30 सितंबर के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। हाई कोर्ट ने चिदंबरम को जमानत देने से इंकार कर दिया था।


[यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है]
 

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