दिग्गजों के सामने कौन: कौन हैं वो भाजपा प्रत्याशी, जिसके चलते कन्नौज के मैदान में खुद उतरे अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कन्नौज लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल किया है। 2019 के चुनाव में यहां उनकी पत्नी डिंपल यादव को हार मिली थी।

Vivek Kumar | Published : Apr 25, 2024 12:21 PM IST / Updated: Apr 25 2024, 05:56 PM IST

लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश की सबसे हाई प्रोफाइल सीटों की बात करें तो इसमें कन्नौज भी शामिल है। कभी समाजवादी पार्टी का गढ़ रहे इस सीट से भाजपा के सुब्रत पाठक सांसद हैं। उन्हें पार्टी ने फिर से मैदान में उतारा है। यही वजह है कि अपने किले को बचाने के लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव को खुद चुनावी मैदान में उतरना पड़ा है। गुरुवार को उन्होंने नामांकन दाखिल कर दिया।

सुब्रत पाठक को अखिलेश यादव हल्के में नहीं ले सकते थे। ये वही हैं, जिन्होंने 2019 के चुनाव में इस सीट पर अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव को करीबी मुकाबले में हरा दिया था। अखिलेश यादव कन्नौज सीट से सांसद रहे हैं। उनसे पहले उनके पिता मुलायम सिंह यादव इस सीट से चुनाव लड़ते थे। 2014 में हुए उपचुनाव में इस सीट से अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव निर्विरोध चुनी गईं थी। उन्हें 2019 के आम चुनाव में सुब्रत पाठक ने हराया था।

कौन हैं सुब्रत पाठक?

सुब्रत पाठक कन्नौज सीट से भाजपा के वर्तमान सांसद हैं। पार्टी ने उन्हें फिर से इसी सीट से चुनावी मैदान में उतारा है। सुब्रत की पहचान कन्नौज के जमीनी स्तर के नेता की है। वह भरतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष थे। उन्होंने उत्तर प्रदेश भाजपा के संगठन महासचिव के रूप में भी काम किया है। 2009 में अखिलेश यादव ने सु्ब्रत को 1.5 लाख से अधिक वोटों के अंतर से हराया था। 2014 में वह डिंपल यादव से चुनाव हार गए थे।

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पिछले दो आम चुनाव में कन्नौज में क्या हुआ?

2019 के आम चुनाव में कन्नौज में भाजपा के सुब्रत पाठक और सपा की प्रत्याशी डिंपल यादव के बीच मुकाबला हुआ था। सुब्रत को 563087 (49%) और डिंपल यादव को 550734 (48%) वोट मिले थे। 2014 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो इस बार भी चुनावी लड़ाई डिंपल यादव और सुब्रत पाठक के बीच हुई थी। 489164 (43.9 %) वोट लाकर डिंपल ने जीत दर्ज की थी। सुब्रत को 469257 (42.1%)वोट मिले थे।

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