Vikas Dubey की पत्नी Richa को करना होगा आत्मसमर्पण: SC का आदेश-सात दिनों में सरेंडर कर जमानत की अर्जी दें

कानपुर के बिकरू गांव में दो जुलाई 2020 की आधी रात 12.45 बजे पुलिस ने गैंगेस्टर विकास दुबे के लिए रेड किया था। इस एनकाउंटर में गैंगेस्टर विकास दुबे और उसके साथियों ने आठ पुलिसवालों की हत्या कर दी थी। इसके बाद पुलिस और एसटीएफ ने आठ दिन के भीतर विकास दुबे समेत छह बदमाशों को मार गिराया। 

नई दिल्ली। यूपी के चर्चित बिकरू कांड (Bikru Case) का मुख्य आरोपी माफिया विकास दुबे (Vikas Dubey) की पत्नी रिचा दुबे को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से भी राहत नहीं मिली है। सर्वोच्च न्यायालय ने रिचा को सात दिनों में पुलिस के सामने पेश होने का आदेश दिया है। गैंगेस्टर की पत्नी (Richa Dubey) ने अपने खिलाफ पुलिस के केस को रद्द कराने के लिए याचिका दायर की थी। रिचा दुबे के खिलाफ कानपुर (Kanpur) के चौबेपुर थाने में एफआईआर दर्ज है। सुप्रीम कोर्ट ने रिचा को आत्मसमर्पण के बाद जमानत याचिका दाखिल करने का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने कहा चार्जशीट दाखिल, अब मांग कर रहीं

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सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को रिचा दुबे की जमानत पर जल्द सुनवाई करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि मामले में अब चार्जशीट दाखिल हो चुकी है और अब आप एफआईआर को रद्द करने की मांग कर रही हैं। 

हाईकोर्ट के हस्तक्षेप से इनकार के बाद पहुंची सुप्रीम कोर्ट

माफिया विकास दुबे की पत्नी रिचा दुबे ने सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के इनकार के बाद पहुंची थी। उन्होंने अपने ऊपर दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की थी। कानपुर के चौबेपुर थाने में 9 नवंबर 2020 को फर्जी नाम से सिम कार्ड लेने को लेकर रिचा दुबे पर एफआईआर दर्ज किया गया था। इसे लेकर रिचा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन हाईकोर्ट ने रिचा दुबे को राहत देने से इनकार करते हुए उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि धारा 419, 420 के तहत दूसरे व्यक्ति के सिम कार्ड का इस्तेमाल किया। ये एक कपट और धोखाधड़ी का मामला था और इसमें चार्जशीट दाखिल कर दी गई थी, इसलिए कोर्ट इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा। 

क्यों चर्चित है बिकरू कांड?

कानपुर के बिकरू गांव में दो जुलाई 2020 की आधी रात 12.45 बजे पुलिस ने गैंगेस्टर विकास दुबे के लिए रेड किया था। इस एनकाउंटर में गैंगेस्टर विकास दुबे और उसके साथियों ने आठ पुलिसवालों की हत्या कर दी थी। इसके बाद पुलिस और एसटीएफ ने आठ दिन के भीतर विकास दुबे समेत छह बदमाशों को मार गिराया। इस मामले में 45 आरोपी अभी भी जेल में बंद हैं। केस अभी ट्रायल में है।

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