Kargil War: जब हौसला बढ़ाने घायल जवानों से मिले मोदी, वायरल हुई 1999 की तस्वीर

Published : Jul 26, 2024, 11:55 AM ISTUpdated : Jul 26, 2024, 12:41 PM IST
Narendra Modi with Injured Soldier

सार

1999 में कारगिल की लड़ाई के समय नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) घायल सैनिकों से मिलने उधमपुर गए थे। अस्पताल में उनके साथ रहे मेजर जनरल (रिटायर) विजय जोशी उस घटना को याद किया है। 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25वें कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) के अवसर पर द्रास गए। उन्होंने कारगिल युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की। वह 1999 की जंग के समय घायल सैनिकों से मिलने उधमपुर कमांड हॉस्पिटल गए थे। मेजर जनरल (रिटायर) विजय जोशी ने उस घटना को याद किया है। वह हॉस्पिटल में मोदी के साथ थे।

विजय जोशी ने 25 साल पहले की घटना को याद करते हुए कहा, "मैं मिलिटरी कमांड हॉस्पिटल उधमपुर के कमांडेंट के रूप में नरेंद्र मोदी के साथ था। उस समय नरेंद्र मोदी भाजपा के नेशनल जनरल सेक्रेटरी थे। उन्होंने युद्ध में घायल सैनिकों से मुलाकात की। यह हॉस्पिटल उत्तरी कमांड में सबसे बड़ा था। यहां लड़ाई के दौरान घायल हुए सैनिकों का इलाज चल रहा था।"

 

 

नरेंद्र मोदी ने घायल सैनिकों का जोश बढ़ाया

विजय जोशी ने कहा, “नरेंद्र मोदी की यात्रा ने सैनिकों का जोश बढ़ाया था। स्थिति की गंभीरता के बाद भी उनके आने से जवानों पर अच्छा प्रभाव पड़ा। उनका मन शांत हुआ। उन्होंने घायलों से बात की, उन्हें सहज महसूस कराना और उनका मनोबल बढ़ाया। अस्पताल में बहुत से घायल भर्ती थे। कई की हालत बेहद गंभीर थी, कुछ अन्य की स्थिति थोड़ी ठीक थी। मोदी ने सभी पर ध्यान दिया। वह शांत और ऊर्जा से भरे हुए थे।”

नरेंद्र मोदी के सामने सहज महसूस करते थे सैनिक

रिटायर मेजर जनरल ने बताया कि सैनिकों से जुड़ने की नरेंद्र मोदी की क्षमता उल्लेखनीय थी। वे उनके परिवारों, घरों और उनकी खास जरूरतों के बारे में पूछते थे। उनके सामने सैनिक सहज महसूस करते थे। सैनिकों ने उनसे व्यक्तिगत जुड़ाव महसूस किया। जोशी ने बताया कि मोदी की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि वे हर किसी को सहज महसूस कराते थे। इसमें न केवल घायल सैनिक बल्कि अस्पताल के कर्मचारी भी शामिल थे। उन्होंने सभी को उनकी जरूरत के मुताबिक सहायता का वादा किया, जिससे उनका मनोबल बढ़ा।

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जंग के समय सैनिकों के लिए यह जानना काफी मामने रखता है कि सरकार और लोग उनके साथ हैं। इससे जवान अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रेरित होते हैं। नरेंद्र मोदी किसी प्रशासनिक पद पर न होने के बावजूद जमीनी हकीकत देखने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ गए थे। नरेंद्र मोदी 1999 में कारगिल में युद्ध लड़ रहे सैनिकों से मिले थे। उन्होंने जवानों से मुलाकात की थी और उनका हौसला बढ़ाया था।

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