सार
पीएम नरेंद्र मोदी ने शिनखुन ला सुरंग (Shinkhun La Tunnel) परियोजना का उद्घाटन किया। इसके साथ ही सुरंग का निर्माण शुरू हो गया है। यह दुनिया का सबसे ऊंचा सुरंग होगा जो लेह को पूरे साल सड़क संपर्क देगा।
द्रास। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को द्रास में कारगिल विजय दिवस से जुड़े कार्यक्रम के दौरान शिनखुन ला सुरंग (Shinkhun La Tunnel) परियोजना का वर्चुअल उद्घाटन किया। इसके साथ ही इस सुरंग का निर्माण शुरू हो गया है। यह दुनिया का सबसे ऊंचा सुरंग होगा। अपने सामरिक महत्व के चलते यह चीन की आंखों में कांटे जैसा चुभता है।
शिनखुन ला सुरंग से लेह की कनेक्टिविटी में सुधार होगा। खराब मौसम के समय भी सड़क संपर्क बना रहेगा। 4.1 किलोमीटर लंबा यह सुरंग करीब 15,800 फीट ऊंचाई पर बनाया जा रहा है। तैयार हो जाने के बाद यह दुनिया का सबसे ऊंचा सुरंग होगा। निमू-पदुम-दारचा सड़क पर बन रहा यह सुरंग लेह को सभी मौसम में सड़क संपर्क देगा। मनाली से लेह सड़क मार्ग से पूरे साल जाया जा सकेगा।
चीन की आंखों में क्यों चुभ रहा शिनखुन ला सुरंग?
शिंकुन ला सुरंग का निर्माण चीन को रास नहीं आ रहा है। यह उसकी आंखों में कांटे की तरह चुभ रहा है। इसकी वजह सुरंग का सामरिक महत्व है। इससे देश के बाकी हिस्से से साल भर सड़क संपर्क लेह तक बना रहेगा। लेह और फिर लद्दाख तक सैनिकों व साजो सामान को पहुंचाना आसान होगा।
खराब मौसम के दौरान विमान से भेजे जाते हैं सामान
लद्दाख में चीन के साथ लंबी सीमा है। सीमा पर दोनों देशों के बीच विवाद चल रहा है। वर्तमान में खराब मौसम के दौरान लेह तक सामान भेजने के लिए विमानों का इस्तेमाल होता है। सर्दियों में लेह का जमीनी संपर्क टूट जाता है। इस दौरान राशन और सब्जी भी वायुसेना अपने मालवाहक विमानों से लेह भेजती है। सुरंग बन जाने से ये सामान कम खर्च में ट्रक से पहुंचाए जा सकेंगे।
टैंक जैसे भारी सैन्य वाहनों को भी आसानी से पहुंचाया जा सकेगा। इससे सेना की क्षमता बढ़ेगी। इसके साथ ही लेह और लद्दाख में विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। वर्तमान में वायुसेना के मालवाहक विमान से रसद, हथियार व अन्य सामान चंडीगढ़ या दिल्ली से लेह पहुंचाया जाता है। इसके बाद हेलीकॉप्टर की मदद से सैनिकों तक इन्हें ले जाया जाता है।
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क्यों खास है शिनखुन ला सुरंग?
शिनखुन ला सुरंग सीमा सड़क संगठन द्वारा बनाया जा रहा है। यह शिनखुन ला दर्रे को बाइपास करेगी। यह हर साल 4-5 महीनों के लिए 15-20 फीट बर्फ से ढंका रहता है। ये सुरंग ट्वीन ट्यूब होगी। इसमें हर 500 मीटर पर क्रॉस पैसेज उपलब्ध होगा। सुरंग निर्माण से 4 किलोमीटर यात्रा दूरी और 30 मिनट समय बचेगा।
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