
Amit Shah Super Exclusive interview: कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Election 2023) 10 मई को हैं। इसके लिए सभी पॉलिटिकल पार्टियां अपना पूरा जोर लगा रही हैं। दक्षिण भारत में लंबे समय तक बीजेपी को उत्तर भारत की पार्टी समझा गया, लेकिन कर्नाटक जैसे राज्य में बीजेपी ने सरकार बनाकर इस भ्रम को तोड़ा। कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने Asianetnews से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने एंटी इनकम्बेंसी, लिंगायत वोट, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर बैन जैसे कई अहम सवालों के जवाब बेबाक अंदाज में दिए। पेश है Asianet Suvarna News के एडिटर Ajit Hanamakkanavar के साथ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का SUPER EXCLUSIVE INTERVIEW..
सवालः इस बार का माहौल क्या लग रहा है?
जवाबः बहुत अच्छा माहौल है। ढाई महीने में मेरा यहां पर 17वां दिन है। मेरा कर्नाटक में लगभग-लगभग पूरा दौरा हो चुका है। ज्यादातर जिलों में गया हूं। सभी क्षेत्रों को कवर किया है। निश्चित रूप से भारतीय जनता पार्टी पूर्ण बहुमत से इस बार जीतेगी।
सवालः बीजेपी का हर नेता पूर्ण बहुमत वाली बात बोलता है, ये बात कुछ समझ में नहीं आती है? 2013 में येदियुरप्पा को सीएम बनाने के लिए चुनाव हुआ, 2018 में कांग्रेस के खिलाफ एंटी इनकम्बेंसी थी। इस बार हमें चुनाव इश्यूलेस, नैरेटिव लेस लग रहा है?
जवाबः आप लोग इसको माइक्रोदृष्टि से देखते हो और हम परंपरागत, ट्रेडिशनल इलेक्शन एनालसिस के तरीकों से देखते हैं। मोदी जी के 9 साल के कार्यकाल में देशभर के अंदर एक नई जाति खड़ी हुई है। वो जाति का नाम है, लाभार्थी का जाति (बेनिफिसियरी)। कर्नाटक के अंदर लगभग 4 लाख 10 हजार लोगों को रहने का घर मिला है। मैं सभा के बाद, उन लोगों में से कुछ से मिला हूं। वो कहते हैं 7वीं पीढ़ी के बाद हमारे पास रहने को घर आया। कर्नाटक के अंदर जल जीवन मिशन के तहत 43 लाख परिवार को पहली बार टैप वाटर आया है। शुद्ध पीने का पानी आया है। कर्नाटक के अंदर 48 लाख परिवार ऐसे थे, जिनके पास 70 साल से शौचालय नहीं था, पहली बार शौचालय आया। किसान सम्मान निधि 54 लाख किसानों को हर साल 10 हजार रु. बिना किसी कमीशन के सीधा उनके खाते में ट्रांसफर हो जाता है। कर्नाटक में 37 लाख महिलाओं को गैस सिलेंडर मिला है। आयुष्मान भारत योजना के तहत 1.38 करोड़ लोगों को 5 लाख तक के फ्री इलाज की सुविधा मिली। आप लोग जब माइक्रो रूप से देखते हो तो सोसाइटी को लिंगायत, मुस्लिम, दलित, ओबीसी के रूप में देखते हो। बीजेपी 9 साल से बहुत सारे इलाकों में बार-बार जीत रही है। मणिपुर में हमारा 0.3 फीसदी वोट था। आज वहां हमारी पूर्ण बहुमत की सरकार आई। असम में जहां 37 फीसदी माइनॉरिटी हैं, हम मानते हैं माइनॉरिटी हमें वोट नहीं देती। वहां पर हमारे 2 विधायक थे और दूसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार आई। त्रिपुरा में 27 साल से कम्युनिस्टों की सरकार थी, दूसरी बार हम जीते। इसके पीछे अगर आप ट्रेडिशनल राजनीतिक विश्लेषण के तरीकों से देखेंगे तो ऐसा ही दिखाई देगा। परंतु मुझे मालूम है कि जब मैं भाषण करता हूं, तब जिसको घर मिला है, शौचालय मिला है उनकी तालियां सुनाई देती हैं। इससे पता चलता है कि इसके लाभार्थी ज्यादा हैं। यह अलग प्रकार की जाति बनती है, जो आप लोगों के काउंट में नहीं आती है।
सवालः लिंगायत वोट बैंक की टेंशन है?
जवाबः जरा भी टेंशन नहीं है। कांग्रेस ने ऐसा क्या किया है कि लिंगायत उनको वोट देंगे। कांग्रेस ने 70 साल में सिर्फ 2 ही लिंगायत मुख्यमंत्री दिए हैं और दोनों को अपमानित करके बाहर निकाल दिया। एक को इंदिरा जी ने और दूसरे को राजीव गांधी ने एयरपोर्ट पर ही बाहर कर दिया। हमारे मुख्यमंत्री ही लिंगायत हैं। येदियुरप्पा जी जैसे नेता हमारे पास हैं। लिंगायत में कोई विच्छेद नहीं है।
सवालः येदियुरप्पा हट गए या हटाया गया, सवाल यह नहीं है लेकिन क्या आपको नहीं लगता यह गलत डिसीजन हो गया?
जवाबः बिल्कुल नहीं। येदियुरप्पा जी ने खुद मुझसे कहा था कि पार्टी का नियम है पार्टी मुझे 75 साल में हटाने का निर्णय ले सकती है। हम उस समय निर्णय नहीं ले पाए, इस वजह से थोड़ा लंबा चला।
सवालः लक्ष्मण सौदी और जगदीश शेट्टार जैसे नेताओं का छोड़कर जाना, आपको नहीं लगता पार्टी को इससे नुकसान होगा?
जवाबः मैं आपको बता दूं, दोनों अपनी सीट से 30 हजार से ज्यादा वोटों से हारने वाले हैं। काउंटिंग के बाद आप फोन कर लेना। मैं हुबली के संगठन को 90 के दशक से जानता हूं, वो व्यक्तियों को वोट नहीं देता है बल्कि पार्टी को वोट देता है।
सवाल- कांग्रेस को अपनी गारंटी स्कीम्स के ऊपर कॉन्फिडेंस है, पांचवी गारंटी राहुल गांधी ने जारी की, इस पर क्या कहेंगे?
जवाब- गुजरात में बांटे, यूपी में बांटे उत्तराखंड़ में बांटे, असम में बांटे, मणिपुर और त्रिपुरा में भी बांटे थे। इससे भी अच्छी-अच्छी गांरटी स्कीम बांटी थी। जिस पार्टी की इमेज ना हो, उसकी गांरटी को कौन मानेगा।
सवालः अगर डेवलपमेंट पर इतना ही भरोसा था तो यह रिजर्वेशन के डिसीजन इतनी जल्दी जल्दी में लिए गए, इसकी जरूरत थी?
जवाबः जल्दी नहीं बल्कि बहुत लेट डिसीजन लिया गया। इस देश का संविधान धर्म के आधार पर आरक्षण की मान्यता ही नहीं देता है। अगर माइनॉरिटी को 4 फीसदी आरक्षण धर्म के आधार पर मिला है तो वो रद्द हो जाना चाहिए और हमने कर दिया। मामला सुप्रीम कोर्ट में है तो वो इस पर विचार करेगी। रिजर्वेशन लेना और देना संविधान के आधार पर होना चाहिए। हमारे संविधान की कोई भी धारा में अगर धर्म बेस्ड रिजर्वेशन का सिस्टम है तो कांग्रेस का कोई भी नेता मुझे बता दे और अगर नहीं बता सकता है तो वो जस्टिफाई करे कि हमने किस आधार पर किया था, इसको तुष्टिकरण कहते हैं। हमने तो इसे करेक्ट किया है। तेलंगाना में भी हम आएंगे तो मुस्लिम रिजर्वेशन जो गैरसंवैधानिक है, उस पर विचार करेंगे। ओबीसी के अंदर ही मुस्लिम समुदाय के लोगों को आरक्षण मिलना चाहिए। सिर्फ मुस्लिम या हिंदू कहकर आरक्षण नहीं मिलना चाहिए। कोई समुदाय अगर पिछड़ा है तो उसको आरक्षण मिलना चाहिए लेकिन मुस्लिमों या हिंदुओं को रिजर्वेशन देंगे...तो कल कोई सरकार आती है और वो कहती है कि हम सारे हिंदुओं को रिजर्वेशन देंगे तो ऐसा हो सकता है क्या?
सवालः खडगे जी के बयान को आप कैसे देख रहे हैं। मोदी को जहरीला सांप बोला?
जवाबः खड़गे जी ही नहीं, कांग्रेस के सारे नेता मोदी जी खिलाफ बोलते ही रहे हैं। निम्न स्तर की भाषा का उपयोग करते रहे हैं। एक समय में सोनिया जी ने मोदी जी को मौत का सौदागर तक कह दिया था। प्रियंका जी ने मोदी जी को नीची जाति का बता दिया। कांग्रेस एमपी हरिप्रसाद ने, मणिशंकर अय्यर और अब खड़गे ने मोदी जी को लेकर गलत बयानबाजी की, लेकिन जब-जब भी कहा है वो चुनाव हम निश्चित रूप से जीते हैं। मुझे तो एक शुभ संकेत दिखाई पड़ता है।
सवालः पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर बैन...यह कितना बड़ा निर्णय था। आंतरिक सुरक्षा के मामलों में मोदी के आने के बाद इन 9 सालों में कितना बड़ा बदलाव आया?
जवाब- देखिए, यह बहुत बड़ा निर्णय था। आंतरिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने का यह बहुत बड़ा डिसीजन था। सिर्फ कर्नाटक ही नहीं, पूरे देश को इसका फायदा होगा। कोई भी संगठन अगर देश को तोड़ने में लगा हो तो हम आंख बंद करके नहीं बैठ सकते हैं। यह तो अच्छा है कि बैन अभी नहीं लगाया, नहीं तो लोग कहते देखो चुनाव को देखकर बीजेपी वालों ने यह किया। फैसले हमेशा चुनाव को ध्यान में रखकर नहीं होते हैं। चुनाव तो आते-जाते रहते हैं। नॉर्थ इंडिया में हिंसा के आंकड़ों में 70 फीसदी की कमी आ गई है। 9 अलग-अलग आतंकवादी ग्रुप सरकार के साथ समझौता कर चुके हैं। कश्मीर में धारा 370 खत्म हो चुकी है। पथराव की घटनाएं लगभग जीरो हो चुकी हैं।
सवालः दक्षिण भारत के राज्यों में हिंदी को लेकर जो लोग सोचते हैं, उसपर आप क्या कहेंगे?
जवाब- कन्नड़ भाषा के लिए किसी ने सबसे ज्यादा किया है तो वो है भारतीय जनता पार्टी। UPSC में कन्नड में एग्जाम देने का सिस्टम मोदी जी के आने के बाद हुआ। अभी सीआरपीएफ में भी सभी भाषाओं को हमने प्रियॉरिटी दी है। हमने तो कन्नड का प्रभाव बढ़ाया है। हमारी तो प्राथमिकता है कि सभी रीजनल भाषा में पढ़ाई होनी चाहिए और बात भी होनी चाहिए। मैं गुजरात से आता हूं और मैं कन्नड नहीं जानता हूं तो हिंदी में ही बात करूंगा। बीजेपी ने स्थानीय भाषा को बढ़ावा देने के लिए जितना कुछ किया है, शायद ही किसी पार्टी ने किया होगा।
सवालः अगर बीजेपी पूर्ण बहुमत से सरकार बनाती है तो मुख्यमंत्री कन्टीन्यू होंगे या बदलेंगे?
जवाब- मौजूदा मुख्यमंत्री हमारे चुनाव को लीड कर रहे हैं। चुनाव के बाद जो माहौल होगा उसपर पार्टी डिसीजन लेगी।
सवाल: कर्नाटक बीजेपी में आप गुजरात मॉडल लाना चाहते हैं क्या? गुजरात में जिस तरह टिकट बांटे जाते हैं या काटे जाते हैं? क्या आप उसे यहां भी लाएंगे?
जवाब - बीजेपी हमेशा टिकट में बदलाव करती है। हमारा 20% टिकट बदलने का रेश्यो पहले से है। आप कोई भी टिकट की लिस्ट उठाकर देख लो 20 प्रतिशत बदलाव हम करते ही करते हैं।