
Karnataka Caste Census: कर्नाटक की राजनीति में जाति का मुद्दा एक बार फिर गरमा रहा है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Siddaramaiah) की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में जयप्रकाश हेगड़े आयोग (Jayaprakash Hegde Commission) की जाति जनगणना रिपोर्ट (Caste Census Report 2024) को प्रस्तुत किया गया। हेगड़े कमीशन ने जिसमें अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षण को 32% से बढ़ाकर 51% करने की सिफारिश की गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, वर्तमान Category 1 को तोड़कर दो नई श्रेणियां Category 1A और Category 1B बनाई गई हैं। इन दो कैटेगरीस को जोड़ते हुए OBC वर्ग को अब 51% आरक्षण देने का प्रस्ताव है। यह वर्तमान 32% से काफी अधिक है।
हेगड़े आयोग ने जातियों को उनके पारंपरिक पेशों (Traditional Occupation), घुमंतू जीवनशैली (Nomadic Lifestyle) और कौशल आधारित वर्गीकरण (Skill-based Classification) के आधार पर फिर से कैटगराइज किया है। Category 1 और 2A की कुछ जातियों को अब Category 1B में रखा गया है।
विपक्षी दल BJP और JD(S) ने इस रिपोर्ट का कड़ा विरोध किया है। विपक्ष के नेता आर अशोक (R Ashoka) ने कहा: इस जाति गणना को वैज्ञानिक तरीके से नहीं किया गया। यह रिपोर्ट केवल राजनीतिक लाभ के लिए तैयार की गई है और इससे जातियों में फूट पड़ेगी। लिंगायत (Lingayat) और वोक्कालिगा (Vokkaliga) समुदायों को भी कई आपत्ति है। वह अपनी जनसंख्या के अनुपात में अपना हिस्सा मांग रहे हैं।
सिद्धारमैया ने फरवरी में ही स्पष्ट किया था कि उनकी सरकार जाति जनगणना को पूरी तरह से लागू करेगी। उन्होंने कहा था कि यह रिपोर्ट वैज्ञानिक ढंग से तैयार की गई है। सरकार इसके क्रियान्वयन को लेकर प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार 17 अप्रैल 2025 को आयोग की सिफारिशों पर अंतिम फैसला लेगी।