कर्नाटक: 99 पर स्वामी सरकार ऑल आउट, जीत के लिए चाहिए था 103 का स्कोर

कनार्टक में पिछले 23 दिनों से जारी सियासी घमासान का फाइनल आखिर मंगलवार को हुआ। कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार विश्वास मत हासिल करने में फेल हो गई। इससे पहले सीएम कुमारस्वामी ने सदन में इमोशनल स्पीच देते हुए कहा कि मैं खुशी से पद छोड़ने को तैयार हूं। 

Asianet News Hindi | Published : Jul 23, 2019 7:08 AM IST / Updated: Jul 23 2019, 09:17 PM IST

बेंगलुरु। कनार्टक में पिछले 23 दिनों से जारी सियासी घमासान का फाइनल आखिर मंगलवार को हुआ। कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार विश्वास मत हासिल करने में फेल हो गई। विश्वास मत पर शाम  7: 29 बजे वोटिंग शुरू हुई। जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन को जहां 99 वोट मिले, वहीं बीजेपी के पक्ष में 105 वोट आए। जीत की खुशी में बीएस येदियुरप्पा और दूसरे बीजेपी विधायकों ने विक्ट्री साइन दिखाया। इससे पहले सदन में विश्वास मत पर चर्चा का जवाब देते हुए कुमारस्वामी ने कहा, "2018 के विधानसभा चुनाव का नतीजा आने के बाद मैं राजनीति छोड़ने को तैयार था। मेरा राजनीति मेें आना भी अपेक्षित नहीं था। लोग चर्चा कर रहे हैं कि मैं कुर्सी से क्यों चिपका हुआ हूं। मैं खुशी से यह पद छोड़ने को तैयार हूं। मेरी सरकार बेशर्म नहीं है। मैं भाषण के बाद भागूंगा नहीं। सदन में कुमारस्वामी ने कहा- विश्वासमत की कार्यवाही को लंबा खींचने का मेरा कोई इरादा नहीं था। मैं विधानसभा अध्यक्ष और राज्य की जनता से माफी मांगता हूं।" इस बीच बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर आलोक कुमार ने अगले 48 घंटे तक शहर में धारा 144 लगा दी है। बता दें कि सोमवार को भी विधानसभा में विश्वास मत को लेकर 14 घंटे बहस चली थी, लेकिन फ्लोर टेस्ट नहीं हो सका था।

सरकार बनाने का दावा पेश करेगी बीजेपी...
कर्नाटक की कुमारस्वामी सरकार गिरने के बाद अब भाजपा सरकार बनाने का दावा पेश करेगी। येदियुरप्पा चौथी बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री बन सकते हैं। कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने कहा- यह लोकतंत्र की विजय है। जनता कुमारस्वामी सरकार से परेशान थी। मैं राज्य के लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि अब यहां विकास का नया दौर शुरू होगा। हम किसानों को ज्यादा तवज्जो देंगे। 

सत्ता पक्ष के विधायकों की गैर-हाजिरी से नाराज हुए स्पीकर...

मंगलवार को विश्वास मत हासिल करने के लिए सदन में जब बहस शुरू हुई तो सत्ता पक्ष (ट्रेजरी बेंच) के ज्यादातर विधायक गैर-हाजिर थे। इस पर स्पीकर रमेश कुमार ने नाराज होकर पूछा कि गठबंधन सरकार के विधायक कहां हैं? इससे पहले इस्तीफा देने वाले बागी विधायकों ने स्पीकर को एक खत लिखा, इसमें उन्होंने मांग की कि उन्हें मुलाकात के लिए 4 हफ्तों का वक्त दिया जाए। इन बागियों को स्पीकर ने सोमवार को मिलने के लिए नोटिस भेजा था। 

बागियों की राजनीतिक समाधि बन जाएगी- सिद्धारमैया
कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने मंगलवार को भाजपा पर विधायकों का थोक व्यापार करने और रिश्वत देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा- भाजपा सत्तारूढ़ कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को अस्थिर करना चाहती है। अगर रिटेल ट्रेड से एक या दो विधायकों को खरीदा जाता तो समस्या नहीं थी, लेकिन भाजपा थोक में विधायक खरीदना चाहती है। 25 करोड़, 30 करोड़, 50 करोड़.. पैसे कहां से आ रहे हैं। बागी विधायकों को अयोग्य कर दिया जाएगा। उनकी राजनीतिक 'समाधि' बन जाएगी।

 

कांग्रेस के 13 और जेडीएस के 3 विधायक दे चुके इस्तीफा
उमेश कामतल्ली, बीसी पाटिल, रमेश जारकिहोली, शिवाराम हेब्बर, एच विश्वनाथ, गोपालैया, बी बस्वराज, नारायण गौड़ा, मुनिरत्ना, एसटी सोमाशेखरा, प्रताप गौड़ा पाटिल, मुनिरत्ना और आनंद सिंह इस्तीफा सौंप चुके हैं। वहीं, कांग्रेस के निलंबित विधायक रोशन बेग ने भी इस्तीफा दे दिया। 10 जून को के सुधाकर, एमटीबी नागराज ने इस्तीफा दे दिया था।

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