कर्नाटक से हिजाब पर लगा बैन हटा, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने किया ऐलान, बोले-राज्य में पहनने-खाने की पूरी आजादी

Published : Dec 22, 2023, 08:50 PM ISTUpdated : Dec 22, 2023, 09:49 PM IST
Siddaramaiah

सार

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोशल मीडिया पर ऐलान किया कि राज्य सरकार हिजाब प्रतिबंध को वापस लेगी। दरअसल, हिजाब पर पूर्व की बीजेपी सरकार ने 2022 में प्रतिबंध लगाया था।

Hijab Ban lifted: कर्नाटक में पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार द्वारा लगाया गया हिजाब प्रतिबंध हटा दिया गया है। कांग्रेस सरकार ने हिजाब बैन को हटााने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोशल मीडिया पर ऐलान किया कि राज्य सरकार हिजाब प्रतिबंध को वापस लेगी। दरअसल, हिजाब पर पूर्व की बीजेपी सरकार ने 2022 में प्रतिबंध लगाया था।

मैं धोती पहनता और तुम पैंट शर्ट, इसमें गलत क्या?

कर्नाटक के वर्तमान मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मोदी सरकार का सबका साथ सबका विकास का नारा केवल कहने के लिए है। बीजेपी कपड़े, पहनावे, जाति के आधार पर समाज को बांटने का काम कर रही है। लेकिन मैंने हिजाब बैन वापस लेने को कहा है। राज्य में लोग जो चाहें पहनने और खाने के लिए आजाद हैं। उन्होंने कहा कि तुम जो चाहो पहनो, जो चाहो खाओ। मुझे जो चाहिए मैं खाउंगा, तुम जो चाहो खाओ। मैं धोती पहनता हूं, तुम पैंट शर्ट पहनते हो, इसमें गलत क्या है।

 

दिसंबर से उठा विवाद देश भर में फैला

पिछले साल 2021 के दिसंबर में कर्नाटक उडुपी और मांड्या के कुछ स्कूलों में हिजाब का विवाद तूल पकड़ने लगा। लेकिन जनवरी 2022 तक पूरे कर्नाटक में मुद्दा राजनीतिक तौर पर फैल गया। मुस्लिम लड़कियों ने हिजाब पहनकर स्कूल-कॉलेज आना शुरू किया तो हिंदू छात्रों ने भगवा दुपट्‌टा और गमछा पहनना शुरू कर दिया। इसको लेकर कई बार टकराव की स्थिति बनी। 

मामला गरमाता देख कर्नाटक सरकार ने 5 फरवरी 2022 को एक आदेश जारी कर यूनिफॉर्म कोड लागू कर दिया और हिजाब को बैन कर दिया। इस आदेश को मुस्लिम छात्राओं ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। 11 सुनवाई के बाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रितुराज अवस्थी, जस्टिस कृष्णा दीक्षित और जस्टिस एम खाजी की फुल बेंच ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने माना कि हिजाब इस्लाम का अनिवार्य धार्मिक हिस्सा नहीं है। कोर्ट ने कहा कि छात्रों को यूनिफॉर्म का पालन करना होगा। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में छिपे हुए हाथ मामले को तूल दे रहे हैं। इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था।

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