दहेज, शराब, ड्रग्स और अफेयर: कर्नाटक गवर्नर के पोते पर पत्नी ने लगाए गंभीर आरोप, क्या है सच?

Published : Dec 04, 2025, 08:04 AM IST
 karnataka governor grandson wife dowry abuse allegation case

सार

Breaking Mystery: क्या कर्नाटक गवर्नर के पोते की पत्नी की बेटी सुरक्षित है? दिव्या गहलोत ने उज्जैन में ससुराल पर दहेज, घरेलू हिंसा और ड्रग्स-शराब के गंभीर आरोप लगाए, जानिए पूरे डरावने सच के बारे में।

भोपाल/नागदा। कर्नाटक के गवर्नर थावरचंद गहलोत के पोते देवेंद्र गहलोत की पत्नी दिव्या गहलोत ने अपने ससुराल में होने वाले कथित दहेज उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, हत्या की कोशिश और अपहरण जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। दिव्या के अनुसार, जब वह 2018 में अपने पति के घर पहुंचीं, तो उन्हें पता चला कि उनके पति को शराब और ड्रग्स की लत है और वह अन्य महिलाओं के साथ भी संबंध रखते हैं। दिव्या ने अपने 4 साल की बेटी की सुरक्षा और अपनी जान की रक्षा के लिए रतलाम के पुलिस अधीक्षक अमित कुमार से संपर्क किया। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि उनका ससुराल उज्जैन जिले के नागदा में स्थित है और उन्हें वहां जबरदस्ती रखा गया है।

क्या सच में दिव्या को झेलना पड़ा 50 लाख रुपये का दहेज उत्पीड़न?

दिव्या का आरोप है कि उनके ससुर जितेंद्र गहलोत (पूर्व MLA), देवर विशाल गहलोत, दादी सास अनीता गहलोत, और पति देवेंद्र गहलोत ने शादी के बाद लगातार 50 लाख रुपये दहेज की मांग की। शादी से पहले पति की शराब पीने की आदत, ड्रग्स की लत और कथित अफेयर्स को छुपाया गया। दिव्या का कहना है कि शादी के समय मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत 29 अप्रैल 2018 को ताल (आलोट) में शादी हुई, जिसमें केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत और पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन जैसे बड़े नेता भी शामिल थे।

क्या प्रेग्नेंसी के दौरान बढ़ी मारपीट और मानसिक प्रताड़ना?

दिव्या ने दावा किया कि 2021 में प्रेग्नेंसी के दौरान उत्पीड़न और हिंसा और बढ़ गई। उन्हें बार-बार खाना नहीं दिया जाता, पीटा जाता, और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था। बेटी के जन्म के बाद भी यह बुरा बर्ताव जारी रहा। 2019 में सेटलमेंट की कोशिश की गई, लेकिन दिव्या के अनुसार, "कुछ नहीं बदला; चीजें और खराब होती गईं।"

क्या दिव्या को छत से गिराया गया और गंभीर चोटें आईं?

दिव्या ने अपनी शिकायत में 26 जनवरी की रात का विवरण दिया। उनके अनुसार, पति नशे में घर लौटे और धमकी दी, "अगर पैसे नहीं लाओगी, तो जान से मार दूंगा।" इसके बाद, उनका कथित तौर पर छत से धक्का दिया गया, जिससे वह नीचे गैलरी में गिर गईं। उनकी रीढ़ की हड्डी, कंधे और कमर में गंभीर चोटें आईं। मेडिकल की तत्काल व्यवस्था नहीं हुई, और अगले दिन उन्हें नागदा के एक प्राइवेट हॉस्पिटल ले जाया गया। डॉक्टरों ने हालत क्रिटिकल बताई और इंदौर के बॉम्बे हॉस्पिटल रेफर किया।

क्या दिव्या की बेटी पर कब्ज़ा रखा गया है?

दिव्या का सबसे बड़ा दुख उनकी 4 साल की बेटी है। उनका आरोप है कि ससुराल वालों ने बच्ची को जबरदस्ती अपने पास रखा है। नवंबर में स्कूल में मिलने गईं तो पति ने उन्हें रोक दिया और चेतावनी दी, "जब तक अपने माता-पिता से पैसे नहीं लाओगी, तुम अपनी बेटी से नहीं मिल सकती।" दिव्या ने कहा, "सिर्फ एक मां ही अपने बच्चे की ठीक से देखभाल कर सकती है। मुझे मेरी बेटी वापस चाहिए।"

पुलिस ने क्या कदम उठाए?

दिव्या ने सबसे पहले रतलाम SP अमित कुमार से संपर्क किया। चूंकि अधिकांश घटनाएं नागदा (उज्जैन जिला) में हुई हैं, उन्हें उज्जैन IG और SP को फॉर्मल शिकायत देने की सलाह दी गई। रतलाम पुलिस ने उनकी अर्ज़ी स्वीकार कर ली और आगे की कार्रवाई के लिए भेजा। पूर्व MLA जितेंद्र गहलोत ने आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "कोई भी आरोप लगा सकता है। मैं मीडिया के सामने सारे तथ्य पेश करूंगा।"

 

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