कर्नाटक HC ने मंगलवार (19 मार्च) को केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी विभाग द्वारा जारी एक उस परिपत्र के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी।
कर्नाटक हाई कोर्ट। कर्नाटक हाई कोर्ट ने मंगलवार (19 मार्च) को केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी विभाग द्वारा जारी एक सर्कुलर के आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें कुत्तों की कुछ नस्लों को क्रूर करार देते हुए इंसानों के लाइफ के लिए खतरनाक बताया गया था। इसके आधार पर ऐसे कुत्तों के पालने पर बैन लगा दिया गया था। हालांकि, इस पर डॉग ट्रेनर किंग सोलोमन डेविड ने हाई कोर्ट पर याचिका दायर की थी, जिस पर बैन पर रोक लगाने की बात शामिल थी। इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए कर्नाटक हाई कोर्ट के जज एम नागाप्रसन्ना की सिंगल बेंच ने याचिका को लेकर बैन पर रोक लगा दी। उन्होंने कहा कि सर्कुलर के आदेश पर केवल कर्नाटक राज्य में रोक लगाई गई है।
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी विभाग द्वारा जारी सर्कुलर में वैसे कुत्तों पर प्रतिबंध लगाने की बात की गई थी, जिन्हें विभाग ने खतरनाक और इंसानी जीवन के लिए जानलेवा माना था। उन्होंने मिश्रित और क्रॉस नस्लों के कुत्तों पर बैन लगाने की बात कही थी।
निम्नलिखित कुत्तों पर बैन लगाने का दिया था आदेश
इन कुत्तों में पिटबुल टेरियर, टोसा इनु, अमेरिकन स्टेफोर्डशायर टेरियर, फिला ब्रासील रो, डोगो अर्जेंटीनो, अमेरिकन बुलडॉग, बोरबोएल, कांगल, मध्य एशियाई शेफर्ड डॉग (ओवचार्का), कोकेशियान शेफर्ड कुत्ता (ओवचार्का), दक्षिण रूसी शेफर्ड कुत्ता (ओवचरका), टॉर्नजैक, सरप्लानिनैक, जापानी टोसा और अकिता, मास्टिफ़्स (बोअरबुल्स), रॉटविलर, टेरियर्स, रोडेशियन रिजबैक, वुल्फ डॉग, कैनारियो, अकबाश कुत्ता, मॉस्को गार्ड कुत्ता, सीए शामिल थे।