Kolar में Christian समाज की धार्मिक पुस्तकों को एक समूह ने छीनकर आग के हवाले किया, एक साल में 38वां हमला

रविवार को, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि जबरन धर्मांतरण पर विधेयक राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र में चर्चा के लिए होगा और यह राज्य में जबरन धर्मांतरण से बचने के लिए था। बिल केवल प्रलोभन द्वारा धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए है।

Asianet News Hindi | Published : Dec 12, 2021 2:39 PM IST

बेंगलुरु। कर्नाटक (Karnataka) के कोलार (Kolar) में एक धार्मिक समूह के सदस्यों ने ईसाई धर्म की पुस्तकों (Christian religious books) को आग के हवाले कर दिया है। उपद्रवियों का आरोप था कि राज्य में चर्च द्वारा धर्मांतरण कराया जा रहा है। पुलिस ने कहा कि ईसाई समुदाय को धार्मिक पुस्तिकाएं बांटने के खिलाफ चेतावनी दी गई है। लेकिन धार्मिक पुस्तकों को जलाने वाले किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।

कैसे और कब हुई यह घटना?

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रविवार को कोलार में यह घटना उस समय हुई जब ईसाई समुदाय के प्रतिनिधि प्रचार अभियान के तहत घर-घर जा रहे थे। दूसरे धर्म समूहों के सदस्यों ने उन्हें रोका और पूछताछ की, जिन्होंने फिर पुस्तिकाएं छीन लीं और उन्हें आग लगा दी।

सरेआम पुस्तक जलाने वालों ने स्वीकार किया है कि उन्होंने कोई हिंसक कार्य नहीं किया। इन लोगों ने कहा कि हमने उन्हें परेशान नहीं किया। वे हमारे पड़ोस में किताबें बांट रहे थे और ईसाई धर्म का प्रचार कर रहे थे।

राज्य में एक साल में यह 38वां केस

कोलार की घटना कर्नाटक में पिछले 12 महीनों में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर 38वां हमला है। यूनाइटेड क्रिश्चियन फोरम, एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स और यूनाइटेड अगेंस्ट हेट की एक फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट के अनुसार, इस साल जनवरी से सितंबर तक, चर्चों और ईसाई समुदाय पर 32 हमले हुए हैं। अक्टूबर से दिसंबर के बीच छह हमले हुए हैं।

विपक्षी दलों का आरोप है कि इस तरह के हमलों की एक लहर तब से आई है जब राज्य सरकार ने जबरन धर्मांतरण पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक विधेयक पर विचार करना शुरू किया था।

शीतकालीन सत्र में धर्मांतरण विधेयक पर कराएंगे चर्चा

रविवार को, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि जबरन धर्मांतरण पर विधेयक राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र में चर्चा के लिए होगा और यह राज्य में जबरन धर्मांतरण से बचने के लिए था। बिल केवल प्रलोभन द्वारा धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए है। सीएम ने कहा कि अधिकांश लोग चाहते हैं कि अन्य राज्यों में बनाए गए कानूनों का अध्ययन करने के बाद राज्य में इसी तरह का कानून लाया जाए। भाजपा शासित हरियाणा भी इसी तरह के कानून पर विचार कर रहा है।

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