
BJP Big Rumour or Fact on Siddaramaiah: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को कांग्रेस की OBC सलाहकार परिषद (Congress OBC Advisory Council) में शामिल किया गया है। राज्य में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर चल रही अटकलों के बीच इस सूचना ने विपक्षी बीजेपी को आरोप लगाने का नया मौका दे दिया है। बीजेपी (BJP) ने दावा किया कि यह कांग्रेस का पुराना फॉर्मूला है जैसे 2013 में मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) को दिल्ली बुलाकर कर्नाटक से दूर कर दिया गया था। बीजेपी नेता चलवादी नारायणस्वामी ने कहा: खड़गे अब सिर्फ रबर स्टांप प्रेसिडेंट हैं, अब सिद्धारमैया की बारी है।
सिद्धारमैया का नाम कांग्रेस के OBC विभाग के अध्यक्ष अनिल जयहिंद की उस चिट्ठी में सामने आया जो उन्होंने 9 जून को कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे को लिखी थी। 24 नेताओं के नाम सलाहकार परिषद के लिए प्रस्तावित हैं, जिनमें अशोक गहलोत और भूपेश बघेल भी शामिल हैं। लेकिन सिद्धारमैया का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है क्योंकि राज्य में डिप्टी CM डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) और उनके बीच सत्ता को लेकर खींचतान का दावा लगातार विपक्ष कर रहा है।
हालांकि, सिद्धारमैया ने कहा कि मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं। मीडिया से ही पता चला। पार्टी हाईकमान से बात करूंगा। उन्होंने यह भी साफ किया कि यह जिम्मेदारी लेने का मतलब राष्ट्रीय राजनीति में जाने से नहीं है।
बीजेपी नेता नारायणस्वामी ने कहा कि 2013 में खड़गे को दिल्ली भेजने के लिए यही रणनीति अपनाई गई थी। अब सिद्धारमैया को दिल्ली भेजकर सीएम पद से हटाने की तैयारी है। कांग्रेस डूबता जहाज है, पीएम बनाने का सवाल ही नहीं।
BJP प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने भी कहा कि सिद्धारमैया जल्द इस्तीफा देंगे। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इसे अचानक हुआ घटनाक्रम बताते हुए कहा कि सिद्धारमैया को दिल्ली की राजनीति में लाने का इरादा लगता है।
डिप्टी CM शिवकुमार ने कहा कि पार्टी के कई विभाग होते हैं। बीजेपी बेवजह बवाल मचा रही है। राज्य के गृहमंत्री जी परमेश्वर ने भी सिद्धारमैया के दिल्ली जाने की अटकलों को खारिज किया। मायसूरु में सिद्धारमैया ने खुद कहा कि कांग्रेस सरकार ‘बांदे’ (चट्टान) की तरह पांच साल चलेगी। उनके समर्थक उन्हें अक्सर 'बांदे' कहकर बुलाते हैं।
2023 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की बड़ी जीत के बाद सीएम पद को लेकर शिवकुमार और सिद्धारमैया के बीच तनातनी चर्चा में रही थी। बाद में कांग्रेस हाईकमान ने शिवकुमार को डिप्टी सीएम और प्रदेश अध्यक्ष बनाकर संतुष्ट किया। कुछ रिपोर्ट्स में रोटेशनल सीएम फॉर्मूले का जिक्र हुआ था लेकिन इसकी कभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई।