केंद्र सरकार ने जननायक कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित करने का फैसला किया है। इस निर्णय की चारों ओर प्रशंसा की जा रही है। खुद पीएम मोदी ने इसे ऐतिहासिक कदम बताया है।
PM Modi On Karpoori Thakur. जननायक और दलितों-वंचितों के मसीहा माने जाने वाले कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने के फैसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने विचार साझा किए हैं। उन्होंने लिखा कि- सामाजिक न्याय तो जननायक कर्पूरी ठाकुर के मन में रचा-बसा था। उनके राजनीतिक जीवन इसी बात पर आधारित रहा कि सभी लोगों तक सभी तरह के संसाधनों की पहुंच हो। किसी भी नागरिक की सामाजिक स्थिति की परवाह किए बिना उन्हें अवसरों का लाभ दिया जाए। समाज की असमानता को दूर करने में कर्पूरी ठाकुर ने अपना जीवन लगा दिया।
कर्पूरी ठाकुर का 100वां जन्मदिन
पीएम मोदी ने लिखा- देश कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जन्म जयंती मना रहा है। हमारे जीवन पर कई लोगों के व्यक्तित्व का प्रभाव रहता है। हम जिनसे मिलते हैं, उनके व्यक्तित्व का प्रभाव पड़ता है। मुझे तो कर्पूरी ठाकुर जी से मिलने का अवसर नहीं मिला लेकिन उनके साथ काम करने वाले कैलाशपति मिश्र से मैंने उनके बारे में बहुत कुछ सुना है। सामाजिक न्याय के लिए कर्पूरी ठाकुर ने जो प्रयास किए, उससे करोड़ों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आए। उनका संबंध नाई समाज से था और उन्होंने कई चुनौतियों को पार करते हुए समाज के लिए काम किया और उपलब्धियां हासिल की। वे अंतिम सांस तक सामाजिक न्याय के लिए लड़ते रहे।
कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न का सम्मान
सोशलिस्ट नेता और सामाजिक न्याय के प्रणेता कर्पूरी ठाकुर के 100वें जन्मदिन पर भारत रत्न देने का ऐलान किया गया है। बिहार के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री रहे कर्पूरी ठाकुर भारत रत्न पाने वाले 49वें व्यक्ति हैं। दो बार मुख्यमंत्री रहे कर्पूरी ठाकुर मरणोपरांत देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान पाने वाले 17वें व्यक्ति हैं। आजाद भारत के पहले भारतीय गवर्नर जनरल सी राजगोपालाचारी को पहला भारत रत्न सम्मान मिला था।
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