कश्मीर में राज्यपाल ने फहराया तिरंगा, लद्दाख के एकलौते सांसद ने लोगों के साथ मनाई जश्न ए आजादी


पूरा देश 73वें स्वतंत्रता दिवस में डूबा हुआ है। जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लिए भी यह आजादी का जश्न बिल्कुल खास है। आर्टिकल 370 हटने के बाद दोनों राज्यों में पहला स्वतंत्रता दिवस बनाया गया है। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 15, 2019 5:45 AM IST / Updated: Aug 15 2019, 11:48 AM IST

श्रीनगर/लद्दाख. पूरा देश 73वें स्वतंत्रता दिवस में डूबा हुआ है। जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लिए भी यह आजादी का जश्न बिल्कुल खास है। आर्टिकल 370 हटने के बाद दोनों राज्यों में पहला स्वतंत्रता दिवस बनाया गया है। श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में राज्यपाल सत्यमलिक ने झंडा भी फहराया। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि आपकी पहचान खतरे में नहीं है। इससे कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है। भारत का संविधान हर राज्य के स्थानीयता को फलने-फूलने का मौका देता है। वहीं लद्दाख से बीजेपी सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल ने लोगों के साथ झूमकर डांस किया। 

कश्मीर में स्वतंत्रता दिवस पर दी छूट
आर्टिकल 370 हटाने के बाद स्वतंत्रता दिवस के मौके पर हर किसी को आजादी का जश्न मनाने की छूट दी गई। बता दें,  बीते कई दिनों से घाटी में धारा 144 लागू है। स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाने के लिए हर किसी को छूट दी जाएगी।

अनुच्छेद हटाने का फैसला ऐतिहासिक

राज्यपाल सत्यपाल मलिक शेर ए कश्मीर के स्टेडियम में अपने भाषण में कहा- 'केंद्र सरकार की और से आर्टिकल 370 में बदलाव का फैसला ऐतिहासिक है। जम्मू-कश्मीर में इससे विकास के नए द्वार खुलेंगे और कश्मीर के लोगों को इसका लाभ मिलेगा।'

 

जश्न की तस्वीर साझा की
जमायांग सेरिंग नामग्याल ने अपने ट्विटर अकाउंट पर इन तस्वीरों को साझा भी किया है। इस दौरान उन्होंने लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश मांग उठाने वाले एचएच कुशक बाकुला रिनपोचे को श्रद्धांजली भी दी। साथ ही उन चार लोगों को भी उन्होंने श्रद्धांजलि दी जिन्होंने लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने में अपनी जान गवां दी। वहीं राज्य का एक वीडियो भी सामने आया है। जहां  लद्दाख के लोग सरकार के इस निर्णय से बेहद खुश हैं। यह वीडियो लेह के एयरपोर्ट के बाहर का है।  

 

वीडियो में स्थानीय लोगों के साथ डांस करते दिखे नामग्याल
लद्दाख के सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल लोगों के साथ डांस करते दिखे। लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने में लोग खुशी से फूले नहीं समाए। सभी के हाथ में तिरंगा था। चेहरों पर खुशी थी। 
 

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